महिलाओं को उनके स्वास्थ्य एवं कानूनी अधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए : जिन्दल
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। काली बाई भील उड़ान योजना के अन्तर्गत अंतर्राष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस के उपलक्ष्य में माहवारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन बुधवार को किया गया।
महिला अधिकारिता विभाग की उप निदेशक मेघा रतन ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अन्तर्गत विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के तहत महावारी स्वास्थ्य एवं स्वच्छता प्रबंधन तथा ऎनिमिया पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सभागार में किया गया। कालीबाई भील उड़ान योजना के अन्तर्गत यह कार्यक्रम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के विषय में सम्पूर्ण राज्य में महिला अधिकारिता द्वारा संचालित किया जा रहा है। माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रबंधन पर अनुकूल वातावरण विकसित करने के लिए पंचायतों में रैली एवं रोड़ शो का आयोजन किया गया था।
कार्यशाला की अध्यक्षता कृष्ण मुरारी जिंदल सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश द्वारा की गई। उन्होंने बताया कि मासिक धर्म के विषय में शहरी क्षेत्र में तो जागरूकता है किन्तु ग्रामीण क्षेत्र में भी जागरूकता कार्यक्रम के क्रम में संचालित किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सेनेटरी पेड के वितरण की प्रक्रिया को विस्तृत स्तर पर संचालित किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने समाज के बदलते परिवेश में महिलाओं के कानूनी अधिकारों के विषय में भी विस्तार से जानकारी देते हुये उपस्थित संभागियों को कहा कि वे अपने-अपने कार्यक्षेत्र में महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों के प्रति सजग करें।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए डॉ. शिखा माथुर स्त्री रोग विशेषज्ञ राजकीय शहरी सामुदायिक केन्द्र पंचशील ने सेनेटरी पेड का यूज और डिस्पोजल करने के बारे में समझाया। साथ ही विद्यालय और कॉलेज की छात्राओं को इस विषय पर जागरूक किए जाने के विषय पर जोर दिया। उन्होेंने कहा कि मासिक धर्म के दौरान ज्यादा परेशानी होने पर चिकित्सक की सलाह ली जा सकती है। आयरन मुक्त योजना के तहत निःशुल्क आयरन की टेबलेट प्राप्त की जा सकती है। लापरवाही करने पर सरवायकल केंसर होने का खतरा हो सकता है।
कार्यशाला में राजस्थान महिला कल्याण मण्डल चाचियावास की मुख्य कार्यकारिणी की क्षमा कौशिक ने कहा कि माहवारी से सम्बन्धित सभी भ्रांतियों को समाप्त किया जाए। इस विषय पर चर्चा की जाए। साथ ही बताया कि ग्रामीण क्षैत्र में इस विषय पर चर्चा व जागरूकता के लिये जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाए।
दूरबीन हॉस्पीटल की निदेशक डॉ. प्रियंका द्वारा मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के विषय में चर्चा की गई उन्होेने स्वच्छता का अर्थ बताते हुए कहा कि केवल नहाना या धोना ही स्वच्छता नही है। मासिक धर्म के दौरान जो भी पेड या अन्य कोई सामग्री जो कि प्रयोग में लाई जा रही है उसके गुणवत्ता पर भी ध्यान देना चाहिए। साथ ही बताया कि यदि शरीर में कही पर भी कोई गाँठ होती है तो उसकी जाँच करवानी चाहिए। इससे किसी भी बीमारी की जानकारी शुरूआत में ही प्राप्त हो सके और उससे बचाव लिया जा सकेगा।
कार्यशाला में मासिक धर्म से सम्बन्धित लघु फिल्म प्रसारित कर बताया कि कम उम्र की बालिकाओं को मासिक धर्म के विषय में माता-पिता द्वारा विस्तार से जानकारी दी जानी चाहिए। इससे कि उनके शरीर में हो रहे परिवर्तन के विषय में वे जागरूक रहें और स्वच्छता के विषय में जागरूक रहें। कार्यशाला में अजमेर के स्वयंसेवी संगठन एवं विभागीय सुपरवाइजर, महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र के परामर्शदाता सहित अधिकारी एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे। कार्यशाला का संचालन वन स्टॉप सेंटर सखी केन्द्र प्रबंधक दुर्गा माहिच द्वारा किया गया।
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