अजमेर (अजमेर मुस्कान)। आपदा प्रबन्धन के सम्बन्ध में राज्य सरकार के द्वारा जारी समस्त दिशा निर्देशों की पालना की जानी चाहिए। यह निर्देश जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु ने प्रदान किए।
जिला कलक्टर लोक बन्धु की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। इसमें उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रबन्धन के विषय में गम्भीर है। इस सम्बन्ध में गृह विभाग द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए है। इन निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के लिए आपातकालीन परिस्थिति में कार्य करने वाले विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य योजना बनाते हुए कार्य करें। आपदा प्रबन्धन की स्थिति के दृष्टिगत समस्त अस्पतालों में सभी प्रकार की आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध रहे। चिकित्सक मय स्टाफ मुख्यालय पर ही उपस्थित रहने चाहिए। प्राथमिक चिकित्सा से सम्बन्धित सामग्री प्रत्येक स्तर पर उपलब्ध होनी चाहिए। जिले के समस्त ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील रहे। समस्त एम्बुलेंस का परीक्षण करके रखें। साथ ही निजी एम्बुलेंस को भी आपातकालीन स्थिति में काम में लेने के लिए तैयार रखें। पात्र व्यक्तियों को रक्त दान के लिए प्रेरित करना चाहिए। ब्लड बैंक में सभी ग्रुपों के रक्त की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध रहे। इसके साथ-साथ अस्थाई चिकित्सालय के लिए चिन्हित स्थलों में जनरेटरों की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। आवश्यकतानुसार भूमिगत स्थलों का भी चयन किया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर पूर्ण निगरानी रखी जाए। देश के विरुद्ध भड़काऊ पोस्ट अथवा सामग्री पर तुरन्त कानूनी कार्यवाही करें। आपात स्थिति में पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध रहे। खाद्य सामग्री एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं का अनावश्यक भंडारण नहीं हो। स्टॉक का नियमित निरीक्षण करें। इससे जमाखोरी रूकेगी। पेट्रोल डीजल सहित अन्य सामग्री भी उपलब्ध रहनी चाहिए। जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि आपात स्थिति में पेयजल की पूर्ण व्यवस्था आमजन के लिए उपलब्ध रहे। पेयजल का पर्याप्त भण्डारण रखा जाए।
उन्होंने बताया कि जिले में अति संवेदनशील स्थलों की सूची को अद्यतन करते हुए इनकी पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पंचायत एवं ग्राम स्तर पर राज्य सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं की पूर्ण जानकारी हो। आमजन में यह विश्वास निर्मित होना चाहिए कि संकट की घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है। जिले में अग्निशमन सेवाओं को सक्रिय तथा कार्यशील स्थिति में रखा जाए। जिले में संचार सेवाओं को सुचारू रखें। सार्वजनिक उद्घोषणा यंत्र पर्याप्त संख्या में चालू स्थिति में उपलब्ध रहे। जिले में समय-समय पर आपदा प्रबन्धन योजना की मॉक ड्रिल की जाए। आपदा की स्थिति में गैर सरकारी संगठन, राष्ट्रीय सेवा योजना एवं नेशनल कैडेट कोर की भागीदारी सुनिश्चित हो।
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