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सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित, जिले में दुर्घटनाओं को रोकने के दिए निर्देश

सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित, जिले में दुर्घटनाओं को रोकने के दिए निर्देश

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
जिला कलक्टर लोकबन्धु की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक बुधवार को आयोजित की गई। इसमें जिले में सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति और सुरक्षा उपायों की समीक्षा की गई। जिला कलक्टर ने जिले में दुर्घटनाएं रोकने के लिए प्रभावी उपाय करने के निर्देश दिए। 

जिला कलक्टर ने कहा कि राज्य सरकार सड़क दुर्घटनाओं को लेकर अतिसंवेदनशील है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा सड़क सुरक्षा को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रहे है। राज्य सरकार के निर्देशानुसार सड़क दुर्घटना के लिए जिम्मेदारी तय की जाएगी। आई रेड एप पर दुर्घटना का वास्तविक कारण दर्शाया जाना चाहिए। अधिकतम दुर्घटना वाले कारणों के निराकरण के लिए प्रयास करें। 

जिला कलक्टर लोक बन्धु ने बैठक में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली प्रत्येक मृत्यु का गहराई से विश्लेषण किया जाए। दुर्घटना का कारण लापरवाही अथवा गलत रोड इंजीनियरिंग हो सकती है। गलत रोड़ इन्जिनियरिंग के कारण दुर्घटना होने पर संबंधित रोड निर्माण एजेंसी एवं अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को लेकर कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जिले में चिन्हित ब्लैकस्पोट्स (दुर्घटना संभावित क्षेत्र) पर प्रभावी सुधारात्मक उपाय (रेमेडियल मेजर्स) जल्द से जल्द करें। इन क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को कम किया जा सके। बैठक में मुख्यमंत्री आयुष्मान जीवन रक्षा योजना के तहत सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने वालों को प्रोत्साहन देने के निर्देश भी दिए गए। जिला कलक्टर ने कहा कि ‘गोल्डन आवर’ (दुर्घटना के बाद का पहला घंटा) में उचित उपचार न मिलने के कारण कई लोगों की जान चली जाती है। ऐसे में राहगीर द्वारा घायलों को अस्पताल ले जाने पर उसे सम्मानित किया जाएगा और प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

जिला कलक्टर लोक बन्धु ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर चलने वाले भारी वाहनों के चालकों के लिए विशेष नेत्र जांच शिविर आयोजित करने निर्देशित किया। लंबी दूरी के ट्रक एवं बस ड्राइवरों की आंखों की रोशनी कमजोर होती है। इससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि नियमित रूप से ऐसे शिविर लगाए जाए। इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, परिवहन विभाग, यातायात विभाग सहित अन्य हितधारक कार्य योजना बनाकर जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएंगे। किसी चालक की दृष्टि कमजोर पाए जाने पर चश्मा एवं चिकित्सकीय सलाह उपलब्ध कराई जाए। इसे अभियान के रूप में लगातार चलाया जाना चाहिए।

उन्होंने चिकित्सा विभाग को निर्देश दिया गया कि सभी ट्रोमा सेंटर पर 24 घंटे चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराई जाए। इसके तहत आवश्यक उपकरणों, दवाइयों और डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को निर्देशित किया। इन केन्द्रों में स्टाफ सहित अन्य संसाधनों की कमी के बारे में उच्च स्तर पर अवगत कराए। आई रेड एप के अनुसार एम्बुलेन्स के स्थान की समीक्षा कर पुर्नस्थापित करें। सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थलों पर विशेष जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। इसके तहत व्यक्तियों को हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट लगाने और ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि यातायात नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने विशेष रूप से ओवरस्पीडिंग, ओवरलोडिंग, शराब पीकर गाड़ी चलाने (ड्रिंक एंड ड्राइव) और हेलमेट नहीं पहनने जैसी लापरवाहियों पर कड़ा जुर्माना लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यातायात पुलिस द्वारा नियमित चेकिंग अभियान चलाए जाए। जरूरत पड़ने पर लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई भी की जाए। राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर स्थित जीएसएस को शिफ्ट करने के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट शहर की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है।

उन्होंने कहा कि महावीर सर्किल पर स्थित ट्रांसफॉर्मर को स्थानान्रित करने के लिए आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। बाल वाहिनियों के द्वारा गलत ड्राईव करने की शिकायत सम्बन्धित संस्थान तक पहुंचाने की आवश्यकता है। इसके लिए बाल वाहिनियों के पीछे मोबाइल नम्बर लिखे होने चाहिए।

बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर गजेन्द्र सिंह राठौड़, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियन्ता श्री गिर्रिराज प्रसाद गुप्ता, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी सुमन भाटी, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के प्रतिनिधि एवं अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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