मॉक ड्रिल में जांची तैयारियां, सभी विभागों ने दर्ज कराई उपस्थित
हिन्दुस्तान पैट्रोलियम डिपो सराधना, गेल गैस प्लांट नसीराबाद और किशनगढ़ एयरपोर्ट पर हुई मॉक ड्रिल
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। अपना अजमेर हर आपात स्थिति में निपटने के लिए तैयार है। आपात स्थिति से उत्पन्न परिस्थितियों का सामना करने के लिए विभिन्न स्थानों पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इन स्थानों पर आग पर काबू पाने, मानव जीवन पर खतरा, मेडिकल, रिस्पॉंस टाइम, सूचनाओं का सही आदान-प्रदान और तेजी से हालात पर काबू पाना जैसी ड्रिल की गई। सभी विभागों की टीमों ने अपना बेहतरीन योगदान दिया। विभागों को निर्देशित किया गया है कि अपने कामकाज को पूरी तरह चौकस रखें और हर समय तैयार रहें।
जिला कलक्टर लोक बन्धु के नेतृत्व में बुधवार को सराधना स्थित हिन्दुस्तान पेट्रोलियम डिपो, नसीराबाद स्थित गेल गैस प्लांट और किशनगढ़ एयरपोर्ट पर सिमिलेशन एक्सरसाईज फॉर इनकमिंग एयर रेड के परिप्रेक्ष में मॉक ड्रिल की गई। सभी विभागों को शाम 4 बजे मॉक ड्रिल के स्थानों की सूचना दी गई। जैसे ही सूचना मिली, सभी विभागों ने मॉक ड्रिल के लिए निर्धारित स्थानों की ओर प्रस्थान कर दिया।
नसीराबाद स्थित गेल के गैस प्लांट पर भी मॉक ड्रिल हुईं। यहां सभागीय आयुक्त महेश चन्द्र शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश तथा उपखण्ड अधिकारी देवीलाल यादव ने राहत एवं बचाव कार्य की मॉनिटिरिंग की। गेल के महाप्रबंधक शशि रंजन के द्वारा प्रशासन को सूचना दी गई। सूचना प्राप्त होते ही समस्त अधिकारी मौके पर पहुंचे। मॉक ड्रिल के दौरान मेकेनिकल वर्कशॉप में फंसे 19 व्यक्तियों को बाहर निकाला गया। अग्निशमन दल ने दमकल तथा फायर बॉल के माध्यम से आग बुझाई। राज्य आपदा मोचक दल (एसडीआरएफ) द्वारा घायलों को बचाया गया। 6 गंभीर घायलों को नसीराबाद स्थित सामुदायिक चिकित्सालय भेजा गया। इसमें पुलिस विभाग ने सहयोग किया। गंभीर घायलों में से एक व्यक्ति को अजमेर मुख्यालय के चिकित्सालय में रैफर किया गया। भारत संचार निगम के दल ने कैबल और मॉडेम को पुनस्र्थापित किया। बचाए गए व्यक्तियों को सेफ हाउस में रखा गया। यहां उनके लिए विश्राम एवं भोजन की व्यवस्था रखी गई। मॉक ड्रिल की ब्रिफिंग अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश प्रदान किए।
सराधना स्थित एचपीसीएल के डिपो पर सिविल डिफेंस, मेडिकल अग्निशमन, पुलिस और प्रशासन की टीमें बहुत कम समयावधि में पहुंची। सभी ने तुरंत अपना-अपना काम करना शुरू कर दिया। अग्निशमन और प्लांट की अग्निशमन टीमों ने प्लांट पर लगी आग पर काबू पाने के लिए पानी और केमिकल की बौछार शुरू कर दी। इसी तरह सिविल डिफेंस टीम ने दुर्घटना में फंसे लोगों को बाहर निकाल कर सुरक्षित भवन में पहुंचाया। सामान्य घायलों को नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं गंभीर घायलों को जिला अस्पताल भेजा।
इसी प्रकार किशनगढ़ एयरपोर्ट पर भी मॉक ड्रिल का अभ्यास किया गया। सूचना मिलते ही समस्त विभाग आवश्यक संसाधनों के साथ मौके पर पहुंच गए। तत्काल टर्मिनल भवन को खाली करवा कर राहत एवं बचाव कार्य आरम्भ किए गए। घायलों को एम्बुलेन्स के माध्यम से चिकित्सालय पहुंचाकर उपचार किया गया। दमकलकर्मियों, एसडीआरएफ तथा एयरपोर्ट सूरक्षाकर्मियों के सम्मिलित सहयोग से आग पर काबू पाया गया। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट गजेन्द्र सिंह राठौड़ एवं उपखण्ड अधिकारी निशा सहारण ने मॉक ड्रिल की मॉनिटिरिंग की। सहायक पुलिस अधीक्षक अभिषेक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दीपक शर्मा एवं निदेशक श्री बी. एल. मीणा मौके पर उपस्थित रहे।
जिला प्रशासन ने भ्रामक सूचनाओं पर रोक के लिए मीडिया को भी वास्तविक स्थिति की जानकारी दी ताकि आमजन में किसी तरह का भय ना फैलें। इसी तरह अन्य एहतियाति इंतजाम भी किए गए। पुलिस एवं ट्रैफिक पुलिस ने भी मोर्चा संभाला तथा सुरक्षा एवं यातायात का बेहतरीन प्रबंधन किया। इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक श्रीमती वंदिता राणा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व बचाव कार्य के लिए नियुक्त कार्मिक उपस्थित रहे।
जिला कलक्टर ने की मॉक ड्रिल और ब्लैक आउट की तैयारियों की समीक्षा
इससे पूर्व जिला कलक्टर लोक बन्धु ने बुधवार को मॉक ड्रिल और ब्लैक आउट की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने विभिन्न विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे आपात स्थिति से निपटने के लिए की जा रही मॉक ड्रिल और ब्लैक आउट में पूरे इंतजाम रखें। आपात स्थिति की सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर पहुंचे और अपने विभाग से संबंधित सभी व्यवस्थाएं करें। ब्लैक आउट में सभी तरह की लाइट्स पूरी तरह बंद रहेंगी। अस्पतालों में भी एहतियाती इंतजाम किए जाएं। उन्होंने बैठक में कहा कि मॉक ड्रिल किसी असामान्य रूप से उत्पन्न परिस्थिति से निपटने के लिए पूर्व में आभासी परिस्थितियों में किया गया पूर्वाभ्यास होता है। इससे आपात परिस्थिति से पहले उपकरणों, संसाधनों तथा कार्यों की जांच करने का अवसर मिलता है। साथ ही इस दौरान सामने आई कमियों को दूर करने के लिए भी पर्याप्त समय मिल जाता है।
उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल के लिए मॉक ड्रिल के लिए समस्त अधिकारी अपनी तैयारी पूरी रखेंगे। भविष्य में इसकी वास्तविक परिस्थिति में आवश्यकता होने पर इनका उपयोग सहज ही किया जा सके। उन्होंने कहा कि नागरिक सुरक्षा विभाग द्वारा शिक्षा विभाग तथा स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत, बचाव एवं जीवन रक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कार्य की गति तथा क्षेत्र बढ़ाने के लिए निर्देशित किया गया। इसमें आमजन को अधिक से अधिक संख्या में शामिल करना चाहिए। मॉक ड्रिल में घायल व्यक्तियों को चिकित्सालय पहुंचाकर उपचार करने की प्रक्रिया का भी परीक्षण होगा।
उन्होंने कहा कि नागरिक सुरक्षा अधिनियम 1968 के अंतर्गत नागरिक सुरक्षा सेवाओं के लिए कमान अधिकारी एवं प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। मुख्यालय के लिए नियंत्रक (नागरिक सुरक्षा) जिला कलक्टर, संचार सेवा के लिए महाप्रबंधक भारत संचार निगम, वार्डन सेवा के लिए उपखण्ड अधिकारी अजमेर, अग्निशमन सेवा के लिए मुख्य अग्निशमन अधिकारी नगर निगम, प्रशिक्षण सेवा के लिए उपनियंत्रक (नागरिक सुरक्षा) उपखण्ड अधिकारी अजमेर, हताहत सेवा के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बचाव के लिए अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट शहर, साल्वेज सेवा के लिए कोषाधिकारी, पूर्ति सेवा के लिए जिला रसद अधिकारी, डिपो एवं परिवहन सेवा के लिए क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, कल्याण सेवा के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर द्वितीय तथा शव निवारण सेवा के लिए उपायुक्त प्रशासन नगर निगम अजमेर को प्रभारी नियुक्त किया गया है।
उन्होंने कहा कि जनहानि से बचने के लिए ब्लैक आउट किया जाता है। इसका उद्देश्य जन हानि को रोकने के लिए दृश्यता कम करना होता है। रात्रि के समय आबादी वाले क्षेत्रों की पहचान नहीं हो सकेगी। इसका पूर्वाभ्यास बुधवार रात्रि को किया जाएगा। इस ब्लैक आउट को ग्राम स्तर तक करने के लिए पूर्व तैयारी कर ली गई है। सायरन बजाने के साथ ही अन्य वैकल्पिक स्त्रोतों से ब्लैक आउट की सूचना प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। इस दौरान समस्त नागरिक समस्त प्रकाश स्त्रोतों को बंद कर दे। सार्वजनिक लाईटों को भी बंद किया जाएगा। पंखे आदि चालू रहेंगे। आपतकालीन कार्य से सम्बन्धित स्थल खिड़की तथा दरवाजों पर काले रंग के पर्दे अथवा फिल्म लगाकर कार्य करेंगे। लाइट बंद रखने की प्रक्रिया ऑटो जनसेट तथा इनवर्टर से संचालित स्थलों के लिए भी अपनाई जाएगी। वाहन का उपयोग लेते समय ब्लैक आउट की घोषणा होते ही वाहन की हैडलाईट बंद कर एक तरह खड़ा हो जाना चाहिए।
समीक्षा बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक खन्ना, अतिरिक्त जिला कलक्टर वंदना खोरवाल, नगरीय निकाय विभाग की उप निदेशक सना सिद्दकी, उपखण्ड अधिकारी पदमा देवी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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