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शाम-ए-गज़ल कार्यक्रम मे कलाकारों नें बांधा समां

शाम-ए-गज़ल कार्यक्रम मे कलाकारों नें बांधा समां

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
अजमेर शहर का आवाज ए मौसीकी संगीत समूह ग्रुप के  तत्वाधान में अजमेर के एक होटल में शाम-ए -ग़ज़ल गानों का सफलतापूर्वक कार्यक्रम एडमिन प्रणय नंदी के सानिध्य में आयोजित किया गया । 

प्रकाश जेठरा ने बताया कि कलाकारों की बेहतरीन गज़लों की प्रस्तुतियों ने समां बांध लिया और झूमने व नाचने लगे। इस अवसर पर विकास शर्मा ने मुझे आई नज़र से याद.....दयाल प्रियानी नें है इसी मे प्यार की आरजू.... डा तेज प्रकाश शर्मा नें जिक्र होता है जब क़यामत का.....प्रणय नंदी नें लिखें जो ख़त तुझे..... अनूप गौड़ नें किसी नज़र को तेरा इन्तजार... धर्मेन्द्र केवलानी नें कभी बेकशी नें मारा... राजकुमार नें झुकी झुकी सी नज़र... भारती नंदी नें मिलती है ज़िन्दगी मे महोब्बत कभी कभी... ललित मिश्रा ने चमकते चाँद को... प्रकाश जेठरा ने मै पल दो पल का शायर हूँ.... मयंक शर्मा ने हाँ तुम मुझे यूँ भुला ना.... .... लक्ष्मी शर्मा सागर मे धूप .....अशोक दरियानी नें मुझे तुम नज़र से....गीतांजलि नें तेरे दर पर सनम....मुकुल कपूर नें मै तो हर मोड़ पर.....राकेश गौड़ नें फिजा भी है जवा जवा....अलोक वर्मा नें कोई फरियाद तेरे दिल मे.... सतीश शर्मा नें मै कहीं कवि न बन जाऊ... आदि कलाकारों ने एक से बढ़कर एक गज़लो की प्रस्तुति देकर मंत्र मुग्ध कर दिया । 

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