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सामाजिक विकास का मुख्य साधन है कला - वशिष्ठ

सामाजिक विकास का मुख्य साधन है कला - वशिष्ठ

अजयमेरु संभागीय चित्रकार शिविर

पुष्कर (अजमेर मुस्कान) । सरोवर होटल में अजयमेरू संभागीय चित्रकार शिविर का विधिवत उद्घाटन हुआ । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ब्रम्हा मंदिर के मुख्य पुजारी राम निवास वशिष्ठ ने इस अवसर पर कहा कि भारतीय शास्त्रों में कला का महत्व रहा है । उन्होंने कला संबंधी विचारों पर प्रकाश डाला। साथ ही बताया कि इसमें इतनी शक्ति एवं सामर्थ्य है कि सामाजिक विकास का मुख्य साधन बन सकती है।  विशिष्ट अतिथि देश के प्रसिद्ध चित्रकार अशोक हाजरा का स्वागत राजकुमार ने, सनातन आचार्य का स्वागत ललित मोहन गोयल, वरिष्ठ सहायक, राजस्थान ललित कला अकादमी ने किया ।  अवधेश गुप्ता कला एवं संस्कृति विभाग राजस्थान सरकार का स्वागत लक्ष्य पाल सिंह द्वारा किया । स्वागत उपरांत सभी अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर शिविर का अवलोकन किया। विनय शर्मा प्रदर्शनी अधिकारी राजस्थान ललित कला अकादमी, जयपुर ने अकादमी की विभिन्न गतिविधियों से अवगत कराया ।

विशिष्ट कला मर्मग्य अशोक हाजरा ने कलाकारों के सम्मुख अपने मन की बात को रखा, उन्होंने अपने हृदय के  अंतर्मन भावों को अनवरत अभिव्यक्त करते रहने पर बल दिया। कला की निरंतरता से ही परिमार्जन एवं परिष्करण संभव है। कला एवं संस्कृति विभाग़ के अनुभाग अधिकारी अवधेश गुप्ता ने कहा कि मैंने अनुभव किया है कि चित्रकारों में एक विशिष्ट दैवीय शक्ति होती है जिसके माध्यम से उनके वैचारिक दृष्टिकोण एवं अभिव्यक्ति विशेषता लिए हुए होती है। योग गुरु सनातनाचार्य ने योग की भांति चित्रकला को भी एक साधना बताया, जिसके माध्यम से मानव अपने चित्त को नियंत्रित रख सकता है और योग अवस्था में पहुंच शांत एवं निर्मलता को प्राप्त कर सकता है। अंत में सभी चित्रकारों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया । राजकीय कन्या महाविद्यालय, अजमेर की असिस्टेंट प्रोफसर डॉ निहारिका राठौड़ ने आगंतुक सभी अतिथियों एवं कलाकारों का आभार प्रदर्शित किया। मंच संचालन डॉ. तिलक राज ने किया। देवेंद्र खारोल, राजेंद्र गांधी भी मौजूद रहे । शिविर में कला प्रेमी एवम आमजन के लिए प्रवेश निशुल्क रखा हैं। कोई भी नागरिक होटल सरोवर - पुष्कर में प्रातः 9:00 बजे से 5:30 बजे तक आकर कलाकृतियों का अवलोकन कर आनंद ले सकता है।

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