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पुष्कर मेले का हुआ भव्य समापन

पुष्कर मेले का हुआ भव्य समापन

मेले हमारी सांस्कृतिक पहचान : भागीरथ चौधरी

पुष्कर मेले का हुआ भव्य समापन

सबके सहयोग से मेला हुआ भव्य : सुरेश सिंह रावत

पुष्कर मेले का हुआ भव्य समापन

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
अन्तर्राष्ट्रीय श्री पुष्कर मेला-2025 का समापन बुधवार को पूरी भव्यता के साथ हुआ। इसके समापन समारोह में केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी एवं जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए।

केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि मेले हमारी सांस्कृतिक पहचान है। ये हमारी संस्कृतिक के प्रतीक है। भारत विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है। सनातन काल से भरने वाला पुष्कर मेला इसका प्रमाण है। मेले इस संस्कृति को अक्षुण रखने में मेले महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। मेलों से राष्ट्रीयता, अपनत्व एवं भ्रातत्व में वृद्धि होती है। मेले संस्कृति के अविरल प्रवाह को बनाए रखते हैं।

उन्होंने कहा कि पुष्कर के इस धार्मिक, आध्यात्मिक एवं पर्यटक महोत्सव के दौरान सुंदर आयोजन किए गए। इन आयोजनों में कई प्रतियोगिताएं भी हुई। इन प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को निरन्तर आगे बढ़ने के प्रेरणा लेनी चाहिए। साथ ही उप विजेताओं को अगली प्रतियोगिता में विजेता बनने के लिए अभी से तैयारी आरम्भ कर देनी चाहिए।

जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि तीर्थराज पुष्कर का पूरे विश्व में विशिष्ट महत्व है। जगतपित ब्रह्मा की नगरी पुष्कर करोड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देशन में सरकार पुष्कर के विकास के लिए पूरी गंभीरता के साथ काम कर रही है। पुष्कर विकास की बड़ी रूपरेखा तैयार कर कार्य किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पर्यटन और धार्मिक दृष्टि से हर साल मेले को पूर्ण भव्यता के साथ आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए है। देश के प्रत्येक व्यक्ति की भावना पुष्कर से जुड़ी हुई है। मेले और पुष्कर विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। पुष्कर मेले को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति है। इस बार मेला पूरी तरह सफल रहा है। जगतपिता ब्रह्मा की नगरी तीर्थराज पुष्कर का भव्य विकास किया जाएगा। उन्होंने मेले के सफल आयोजन पर सभी को बधाई दी।

मेला समापन की घोषणा जिला कलक्टर लोक बन्धु ने की। समारोह में 150 से अधिक छात्राओं ने सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया। ऊंट परेड एवं कला जत्था यात्रा का आयोजन भी किया गया। कला जत्था यात्रा में रोबिलो की लंबी मूच्छों एवं हाथ में तलवार ने सबको रोमांचित कर दिया। ऊंट पर मश्क वादन एवं नृत्य भी किया गया। राजेश भाट के दल ने कच्छी घोडी नृत्य के साथ मुंह से अग्नि निकालने का करतब दिखाया। हरियाणवी लोक नृत्य, कालबेलिया लोक नृत्य, लोक वाद्यों के साथ राजस्थानी लोक नृत्य, श्याम मित्र मण्डल पाबूसर चुरू का चंग नृत्य, गैर नृत्य, लाल आंगी गैर, स्काऊट द्वारा बांस दौड़ के साथ नाथूलाल सौलंकी का नगाड़ा वादन आकृषण का केन्द्र रहा।

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील घीया ने अपने प्रतिवेदन में कहा कि यह मेला पूर्ण रूप से शुरू से ही नवाचारों से भरा रहा है। ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से दूरस्थ बैठे पशुपालकों को पशु आवास व्यवस्था के लिए निःशुल्क प्लॉट उपलब्ध कराए गए। चौबीसों घंटे नए मेला मैदान में हेल्पडेस्क का संचालन किया गया। मेला सलाहकार समिति की बैठक दो माह पूर्व से ही आयोजित कर पशुओं एवं पशुपालकों के लिए बिजली, पानी की व्यवस्थाएं समय पर नये मेला मैदान पर पूर्ण किए। अश्व वंश की प्रतियोगिता नये मेला मैदान में आयोजित हुई तथा नये मेला मैदान में ऊंटों के लिए अलग से साफ जगह आरक्षित की गई।

उन्होंने बताया कि मेले में इस वर्ष 4957 अश्व वंश, 1576 ऊंट वंश, 1113 गौवंश व 67 भैसवंश सहित कुल 6715 पशु मेले में आए। पिछले 3 दिनों में नये मेला मैदान व पशु प्रदर्शनी स्थल में इन पशुओं की विभिन्न पशु प्रतियोगिताएं आयोजित की गई।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष अभी तक कुल 804 पशुओं का क्रय-विक्रय किया गया। इनमें लगभग चार करोड नौ लाख छिहत्तर हजार पांच सौ रूपये का लेनदेन हुआ। इससे विभाग को रवन्ना से 6894 रूपये की आय हुई। विभाग द्वारा मेले में विकास प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसमें स्वयं सेवी संस्थाओं एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा कुल 76 स्टॉलें लगाई गई। इससे विभाग को 6 लाख 69 हजार 40 रूपए की राजस्व आय हुई।

समारोह में अश्व एवं उष्ट प्रदर्शन भी किया गया। इसमें जयपुर के मंगेज सिंह के नेतृत्व में घुडसवार विजय प्रताप सिंह, बबलू राम, राजेश, रूपसिंह, सुखराम, भागचन्द, विरेन्द्र सिंह, विक्रम सिंह, मुकेश कुमार, नवीन पूनियां, सिद्धार्थ परिहार ने स्टैडिंग सैल्यूट, इन्डि्ज्युवल टेन्ट पैगिंग, पैयर टेन्ट पैगिंग, ट्रिपल टेन्ट पैगिंग-लांस स्वोर्ड बैनेट, टीम टेन्ट पैगिंग, रूमाल उठाना-रूप मिडे, म्यूजिकल राइड किए। संयुक्त निदेशक राज्य कुक्कुट प्रशिक्षण संस्थान अजमेर एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. नवीन परिहार ने अश्व के साथ योग किए।

वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर वंदे मातरम मार्च पास्ट किया गया। वंदे मातरम की धुन पर अश्व चैल्सी, जैनी, टारजन, लाल मिन्टो, गणेश, अनामिका, भीम, शंहशाह, गजराज, सिन्योर, केसर ने सुंदर नृत्य किया। इसी प्रकार समारोह में सामूहिक स्वरों के साथ मेले में आए श्रद्धालुओं एवं प्रतिभागियों ने गणमान्य व्यक्तियों के साथ वंदे मातरम का गायन किया।

नए मेला मैदान एवं पशु प्रदर्शनी स्थल में आयोजित विभिन्न पशु प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ मेला पशु के विजेता पशुपालक श्री दीपक पुत्र मनराज अहीर आम का तालाब अजमेर को शील्ड व 21 हजार रूपये का पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इसी प्रकार सर्वश्रेष्ठ गीर पशु के विजेता पशुपालक श्री मानमल पुत्र सुगनचंद जोशी नया बाजार अजमेर एवं सर्वश्रेष्ठ दुधारू पशु के विजेता श्री अमजद पुत्र फतेह मोहम्मद खानपुरा अजमेर को भी शील्ड व 21-21 हजार रूपये का पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इनकी गाय ने 39 किलो 673 ग्राम दूध 24 घंटे में देकर रिकार्ड स्थापित किया है।

दुग्ध प्रतियोगिता में गीर गाय में गणपत सिंह पुत्र किशन सिंह की गाय ने 22 किलो 430 ग्राम दूध 24 घंटे में देकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। संकर हॉलिस्टिन गाय की दुग्ध प्रतियोगिता में जावेद खान पुत्र फतेह मोहम्मद की गाय ने, संकर जर्सी गाय की दुग्ध प्रतियोगिता में फिरोज खान पुत्र फतेह मोहम्मद की गाय ने, दीपक पुत्र मनराज अहीर ने संकर हॉलिस्टिन गाय नस्ल प्रतियोगिता में तथा प्रकाश पुत्र राजू रावत ने संकर हॉलिस्टिन ओसर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

दीपचन्द पुत्र भागचन्द रावत ने संकर हॉलिस्टिन अदन्त बछडी प्रतियोगिता में, पप्पू पुत्र हरलाल गुर्जर ने संकर संकर जर्सी गाय प्रतियोगिता में, लोकेश पुत्र विशनलाल अहीर ने संकर जर्सी ओसर प्रतियोगिता में, मानमल पुत्र सुगनचंद जोशी ने जर्सी अदन्त बछडी व गीर गाय दुधारू प्रतियोगिता में, गणपत सिंह पुत्र किशनसिंह शेखावत ने गीर गाय शुष्क व गीर अदन्त बछडी प्रतियोगिता में, परमेश्वर पुत्र रामपाल चौधरी ने गीर गाय ओसर प्रतियोगिता में, रजनी यादव ने गीर अदन्त बछडा प्रतियोगिता में, गोविन्द पुत्र साधू रावत ने गीर सांड प्रतियोगिता में तथा विकास पुत्र किशनलाल विश्नोई ने भैंस पाडा प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

सिद्धान्त पुत्र अरविन्द कटेवा ने अश्व बछेरी अदन्त प्रतियोगिता में, अजय यादव पुत्र नन्दराम यादव ने अश्व बछेरी दो दांत प्रतियोगिता में, आशीष पांचाल पुत्र नरसी भाई, निवासी अहमदाबाद गुजरात ने अश्व मादा प्रतियोगिता में, मानवेन्द्र सिंह पुत्र पुष्पेन्द्र सिंह निवासी जयपुर ने अश्व बछेरा अदन्त प्रतियोगिता में, अजीत नांदल पुत्र जगवीर सिंह निवासी जयपुर ने अश्व बछेरा दो दांत प्रतियोगिता में तथा हुनैद करमालावाला पुत्र जुझर करमालावाला उदयपुर ने अश्व नर (सर्वश्रेष्ट स्टेलियन) प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। सुवालाल पुत्र मदनलाल निवासी परबतसर नागौर ने ऊंट नर प्रतियोगिता में एवं सुभाष पुत्र सुन्डा राम सिसोदिया निवासी सीकर ने ऊंट सवारी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया।     

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