अजमेर (अजमेर मुस्कान)। अमर शहीद संत कंवरराम की 139वें जन्मोत्सव पर 13 अप्रैल को संत कंवरराम के जीवन पर एक गोष्ठी आयोजित की गई। जिसमें संत कंवरराम साहब के आध्यात्मिक व संगीतमय जीवन पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर समिति अध्यक्ष जीडी वरिंदानी ने कहा कि सिंध के महान कर्मयोगी, दानवीर, त्यागी, व तपस्या की मूर्ति अमर शहीद भगत संत कंवरराम के गीत गाकर याद किया गया। झूलेलाल मंदिर के अध्यक्ष प्रकाश जेठरा ने कहा कि अमर शहीद संत कंवरराम ने आध्यात्मिक जीवन में धर्म-कर्म का ज्ञान प्राप्त कर इतनी परोपकार की सेवा की उनके द्वारा दी गई लोरी से मृत बच्चा भी जीवित हो उठा ऐसा भक्ति भाव सदैव स्मरण होता रहेगा । कार्यक्रम का शुभारंभ समिती अध्यक्ष जीडी वरिंदानी, झूलेलाल मंदिर अध्यक्ष प्रकाश जेठरा द्वारा संत कंवरराम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
इस अवसर पर मशहूर गायक होतचंद मोरयानी द्वारा "वाह वाह रे घड़ा" मोरयानी द्वारा गाया संत कंवर राम का भजन "कंवरराम ओ कंवरराम वरी हली आ" गाकर लोगों का मन जीत लिया । पूनम गीतांजलि द्वारा "किय रिझाया तोखे किय परचाया", व "सिंधु नदी पे रूनी" किरण पंजवानी द्वारा कंवरराम ओ कंवरराम" ने भजन गाकर लोगों को मंत्र मुक्त कर दिया। भारती दरवानी, कोमल लालवानी द्वारा संत कंवर की वेशभूषा में नृत्य किया गया।
अंत में संत कंवरराम की महाआरती जयप्रकाश मंघाणी, खुशीराम ईसरानी, प्रकाश जेठरा, शंकर टिलवानी,रमेश रायसिंघानी, ईश्वर दास जेसवाणी, भेरूमल शिवनानी, गोविंदराम कोडवानी, मुरली गुरनानी, किशन केवलानी, ओम प्रकाश शर्मा द्वारा की गई ।
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