बड़कालेश्वर मंदिर से धूमधाम से निकली कलश यात्रा
सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का भव्य शुभारंभ
अजमेर (अजमेर मुस्कान) । सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तहत गुरुवार को सागरविहार कॉलोनी स्थित बड़कालेश्वर मंदिर से कलश यात्रा निकाली गई । प्रवक्ता आभा गांधी ने बताया कि कलश यात्रा विभिन्न मार्गों से होती हुई सर्वधर्म मंदिर पहुंची । शोभायात्रा में ढोल बैंडबाजों के साथ महिलाएं चुनरी की साड़ी पहन कर सिर पर अशोक के पत्तों से सजे श्रीफल रखे कलश लेकर चल रही थी । आगे आगे यजमान श्रीमद् भागवत पुराण लेकर चल रहे थे । पीछे चल रही बग्गी में कथावाचक आचार्य आमोद कृष्णशरण दाधीच विराजमान थे । वैशालीनगर स्थित सर्वधर्म मंदिर परिसर में 25 से 31 दिसंबर तक चलने वाली भागवत कथा मे वाचन किया जा रहा है । आयोजक रमेशचंद अग्रवाल, विनोद एवं सुभाष ने बताया कि कथा का समय प्रतिदिन दोपहर 1:15 से शाम 4:15 तक रहेगा । 25 को आत्मदेव गोकर्ण कथा, 26 को शुकदेव परीक्षित मिलन, 27 को जड़मरत कथा, प्रहलाद चरित्र, 28 को गजेंद्र मोक्ष, कृष्ण जन्मोत्सव, 29 को कृष्ण बाल लीला चरित्र, 30 को रासलीला, रुक्मिणी विवाह, 31 को सुदामा चरित्र की कथा सुनाई जाएगी । पुष्पा अगवाल ने बताया कि इस अवसर पर प्रतिदिन विभिन्न झांकियां भी सजाई जाएगी । 1 जनवरी, 26 को सुबह 8:15 बजे हवन। तुलसी सहस्त्रपाठ, गीता का मूलपाठ एवं लड्डू गोपाल का अभिषेक किया जाएगा ।
शोभायात्रा में पुष्पा, लीला, दिशा, वंदना, सुनील, अनिल, लोकेश, योगेश, प्रवीण, सौरभ, पिंकल, अनीश, अक्षत, पार्थ, हर्षिनी, संजय अतार, राजेंद्र गांधी, कक्षिका , ह्रदयांश, डॉ वीणा चौधरी, आभा गांधी, अनिता राठी, नगीना चतुर्वेदी सहित सैकड़ों की संख्या में भक्तजन एवं क्षेत्रवासी शामिल थे । इससे पूर्व यजमान एवं आचार्य द्वारा श्रीमद् भागवत गीता का पूजन किया गया एवं आरती की गई । कथास्थल पर पोथी को स्थापित कर पूजा की गई । आज कथा का प्रथम दिवस पद्म पुराण के द्वारा भागवत की महिमा का गुणगान का रहा । आचार्य श्री ने कहा कि कोई कितना ही व्यभिचार हो, पापी हो, अधर्मी हो, नास्तिक हो, कुकर्मी हो, कितना ही बड़ा अधर्मी व्यक्ति हो, मरने के बाद प्रेत योनि में पड़ा हुआ व्यक्ति हो उसके निमित्त भी यदि भागवत की कथा कर ली जाए तो वह मुक्त हो जाता है । आचार्य श्री ने कहा कि भागवत श्रवण से जीवात्मा के जीवन में सुख शांति समृद्धि एवं भगवत धाम की प्राप्ति होती है । भागवत मनोरंजन नहीं भागवत आत्मचिंतन, आत्मरंजन है । आज शुकदेव महाराज की झांकी सजाई गई । शुक्रवार को सूतजी द्वारा प्रश्न करना, शुकदेव परीक्षित मिलन, कपिल देवहूति संवाद का श्रवण किया जाएगा । ध्रुवजी की झांकी सजाई जाएगी ।

0 टिप्पणियाँ