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नाटक सिन्दूर का भव्य मंचन : कलाकारों ने दशकों का मन मोहा लिया

नाटक सिन्दूर का भव्य मंचन : कलाकारों ने दशकों का मन मोहा लिया

15 दिवसीय बाल व युवा नाट्य शिविर का समापन

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। नाट्य कला को समर्पित आधुनिक नाट्य कला संस्थान् द्वारा 15 दिवसीय नाट्य प्रशिक्षण शिविर के समापन के अवसर पर सूचना केन्द्र के सभागार में ध्वनि व प्रकाश इफेक्ट में नाटक सिन्दूर का भव्य मंचन वरिष्ठ रंगकर्मी लाखन सिंह के लेखन व निर्देशन में किया गया जिसमें पाकिस्तान की 1948 से लेकर पहलगाम तक की नापाक हरकतों पर भारत ने किस तरह से मुह तोड़ जवाब दिया उसका व्यंग पूर्ण चित्रण किया। संवादों के माध्यम बताया की जब तक आतंकवाद समाप्त नहीं होगा और पी.ओ.के. पर बात नही होती तब तक पानी की एक एक बूँद को पाकिस्तान तरसेगा।

छोड़ो कल की बातें कल की बात पूरानी सुन लो पाकिस्तानी हम है हिन्दुस्तानी गीतो के माध्यम से नाटक में बताया कि पुलवामा और पहलगाम नासूर भूला सकते नही हम अपनी आजादी को हर गिज़ भुला सकते नही। गीतों पर दर्शको और अतिथियों ने खुब तालिया बजाई और देश भक्ति के नारे भी लगाकर कलाकारों की हौसला अफजाई की।

नाटक में विकल्प सिंह, उज्ज्वल मित्रा, पवन जोशी, होशिका भाटिया, महिमा शर्मा, अंकित जादम, संदीप साहू, काव्यांश वैष्णव, अरनव आर्य, अनन्या आर्य, अथर्व सिंह, अहाना श्रीवास्तव, एवं राहुल सिंह ने बेहतरीन अभिनय किया।

कार्यक्रम में उपस्थित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेन्द्र सिंह रलावता ने कहा कि रंगमंच केवल कला नहीं, यह जीवन जीने का तरीके के साथ संवेदनशील और मानवीय मूल्यों को उजागर करता है। श्री रलावता आश्वसन दिया कि रंगमंच के लिए अगर स्थान नहीं मिलता है तो दूसरे स्थान उपलब्ध कराने के लिए सम्पूर्ण धनराशि का सहयोग स्वयं करूंगा।

राजस्थान धरोहर सरंक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के पूर्व सदस्य व समाजसेवी कंवल प्रकाश किशनानी ने कहा कि इस प्रकार के नाट्य मंचन बच्चों और युवाओं के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं। नाटक हमें सोचने पर विवश करता है और सामाजिक जिम्मेदारी का बोध कराता है उन्होनें कहा कि रचनात्मकता को मंच देने के लिए ऐसे शिविरों और नाट्य प्रस्तुतियों की नितांत आवश्यकता पर जोर दिया।

उपमहापौर नीरज जैन ने कहा कि रंगमंच समाज का दर्पण होता है, नाटक मनोरंजन नहीं, अपितु विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम भी है। आज की युवा पीढ़ी को नाट्य विद्या से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा वह वह सराहनीय है। श्री जैन ने कहा कि लाखन सिंह के अंर्तमन में नाटक के प्रति जान बसती है और मेरी कोशिश रहेगी ज्यादा से ज्यादा नाट्यविद्या के लिए व्यक्तिगत रूप से सहयोग कंरू।

भाजपा शहर अध्यक्ष रमेश सोनी ने कहा कि नाटक आत्मा की आवाज़ है जो मंच पर जीवन पाता है। हर पात्र में समाज के किसी न किसी चेहरे की झलक मिलती है। ऐसे प्रयासों से युवाओं को अभिव्यक्ति का सशक्त मंच मिलता है।

इस अवसर पर पार्षद गजेन्द्र सिंह रलावता सतीश बंसल, कांग्रेस नेता शिवप्रकाश बंसल, सोमरत्न आर्य, अनिल भारद्धाज, योगेश सब्बरवाल, विष्णु अवतार भार्गव, यॉबी जॉर्ज, राजेन्द्र सिंह, निरंजन, सुचिर भारद्वाज, मुदुल भारद्वाज, चारू सिंहसहित गणमान्य नागरिक व कला प्रेमी उपस्थित थे।  

कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी अतिथियों ने नाट्य विद्या के अराध्य नटराज की प्रतिमा के समक्ष दीपप्रज्जवलित कर माल्यर्पण किया। अंत में सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र देकर अतिथियों ने सम्मानित किया। नाटक में प्रभावशील संगीत हमेन्त शर्मा ने दिया व संस्था अध्यक्ष डॉ. हरबंस सिंह दुआ ने सभी का आभार व्यक्त किया व कार्यक्रम का संयोजन व संचालन नरेन्द्र भारद्वाज ने किया।

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