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जिला स्तरीय फर्टिलाइजर डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेटरी टास्क फोर्स की बैठक आयोजित

जिला स्तरीय फर्टिलाइजर डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेटरी टास्क फोर्स की बैठक आयोजित

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
जिला स्तरीय फर्टिलाइजर डिस्ट्रीब्यूशन रेगुलेटरी टास्क फोर्स की बैठक जिला कलक्टर लोक बंधु की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा ने सहमति दी कि उर्वरकों के वितरण में कोई कानून व्यवस्था की स्थिति आने पर पुलिस की मदद ली जा सकती है।


संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) संजय तनेजा ने बताया कि वर्तमान में यूरिया, डी.ए.पी आदि उर्वरक उपयुक्त मात्रा में उपलब्ध है। जिले में अभी यूरिया 3715 मीट्रिक टन, डी.ए.पी 2125 एम.टी, एन.पी.के 873 एम.टी और एस.एस.पी 123 एम.टी सहकारिता और निजी विक्रेताओं के पास उपलब्ध है। विभागीय आंकलन के अनुसार आगामी रबी मौसम अवधि में जिले में अच्छी बुवाई के मध्य नजर 41700 मेट्रिक टन उर्वरकों की मांग रहेगी जिसमें यूरिया 28000, डीएपी 6000, एपीके 4200 एवं एसएसपी 3500 की मांग का अनुमान लगाया गया है।


जिला कलक्टर लोक बन्धु ने सहकारिता विभाग को केवीएसएस व जीएसएस पर डीएपी के अलावा अन्य वैकल्पिक उर्वरक एसएसपी, एनपीके आदि की समय पूर्व मांग राजफेड एवं संबंधित निर्माताओं को पेश करने के निर्देश दिए। इससे किसानों को समय पर बुवाई के लिए उर्वरक मिल सके। विभाग को निर्देश दिए कि कृषि पर्यवेक्षक जमीनी स्तर पर किसानों को गोष्ठियों, किसान चौपालों के माध्यम से वैकल्पिक उर्वरकों की उपयोगिता, तिलहनी फसलों में एसएसपी प्रयोग करने के फायदे आदि जानकारी प्रसारित कराए।


गौरतलब है कि कृषि विभाग द्वारा एक बैग डीएपी के स्थान पर तीन बैग एसएसपी एवं एक बैग यूरिया के उपयोग की सिफारिश का प्रचार प्रसार कर रहा है। कृषि अधिकारियों का यह कहना है कि तीन बैग एसएसपी से मिलने वाले पोषक तत्वों का मूल्य एक बैग डीएपी में उपलब्ध पोषक मुख्य से अधिक है। कलक्टर ने निजी कंपनी निर्माताओं और इफको के क्षेत्रीय अधिकारियों को जिले में आवंटन अनुरूप समयबद्ध आपूर्ति के निर्देश दिए।


बैठक में इफको से निर्भय सिंह चौधरी, चंबल फर्टिलाइजर से पंकज राय, श्रीराम फर्टिलाइजर के प्रतिनिधि, सहकारिता विभाग से उप रजिस्ट्रार राजीव कजोट, सीसीबी बैंक से एमडी के प्रतिनिधि, डॉ के.पी.सिंह उपनिदेशक उद्यान, उषा चितारा उपनिदेशक कृषि, रामनिवास जांगिड़ सहायक निदेशक केकड़ी, अनुप्रिया यादव सहायक निदेशक, डॉ हर्षा, पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ कृषि अधिकारी एवं उर्वरक निरीक्षक, राजेश भोगावत कृषि पर्यवेक्षक आदि मौजूद रहे।

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