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गौवंश को खिलाई गई अधिक औषधि नुकसानदायक हो सकती है : ज्ञानचंद सारस्वत

गौवंश को खिलाई गई अधिक औषधि नुकसानदायक हो सकती है : ज्ञानचंद सारस्वत

विगत दिनो से गौवंश में लम्पी स्किन  डिजीज ने महामारी के रूप में बडी संख्या में गौवंश को काल का ग्रास बनाया । प्रशासन के अतिरिक्त गौसेवक , स्वयंसेवी संस्थाएं और दानदाता अपने सामर्थ्य से अधिक पूर्ण निष्ठा से सेवा का कार्य कर रहे है। 

मेरी जानकारी में वर्तमान मे लम्पी से पीड़ित पुराने गौवंश ही है । नये केस कम आ रहे है। ल्म्पी के बाद के दुष्परिणाम घाव होना , घाव में किडे पडना, कमजोरी आदि लक्षण गौवंश मे दिखाई दे रहे है। इस समय पशु को औषधी से अधिक ड्रेसिंग व पोष्टिक आहार की आवश्यकता है । लेकिन लगातार सेवा भाव से औषधीय लड्ड एंव औषधीय लापसी गौवंश को खिलाई जा रही है । लम्पी बीमारी में औषधीय लड्ड व लापसी की लगभग सभी दवाई गर्म तासीर की है ।लम्बे समय तक औषधीय भोजन से गर्भपात, बांझपन व अन्य दुष्परिणाम आने कि सम्भावना है ।

गौसेवा करने वाले गौवंश को कुट्टी, हरा चारा, चापड, जौ दलिया खल आदि पशुआहार खिला कर सेवा कर सकते है। प्रशासन से भी निवेदन है कि पशु चिकित्सक, पशुपालक व आयुर्वेद चिकित्सक से जानकारी प्राप्त करके शीघ्र गाईड लाईन जारी करें।

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