जल संरक्षण के राष्ट्रीय लक्ष्य को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से किया जाए साकार : प्रभारी सचिव
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। जल संरक्षण को जनआंदोलन का रूप देने के उद्देश्य से चलाए जा रहे वन्दे गंगा जल संरक्षण अभियान की तैयारियों की समीक्षा के सम्बन्ध में जिले की प्रभारी सचिव गायत्री राठौड़ ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने सभी विभागों को अभियान के अंतर्गत आवंटित कार्यों को समयबद्ध, समन्वित और प्रभावशाली रूप से पूर्ण करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर लोक बन्धु ने विभिन्न विभागों को अभियान के अंतर्गत आवंटित कार्य एवं प्रगति की जानकारी दी। साथ ही विभागीय अधिकारियों को आपसी समन्वय से अभियान के कार्यों को संपादित करने के निर्देश दिए।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण विभाग की सचिव एवं जिले की प्रभारी सचिव गायत्री राठौड़ ने बैठक में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के अंतर्गत स्वीकृत कार्यों की वित्तीय स्वीकृतियाँ तुरंत जारी करने के साथ पूर्ण हुए कार्यों का लोकापर्ण अभियान अवधि में संपन्न कराने के निर्देश दिए। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अमृत सरोवरों पर दीप प्रज्वलन एवं पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन सुव्यवस्थित रूप में किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत प्रत्येक परियोजना क्षेत्र में जनसहयोग से कार्य पूरे कराए जाएं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को सभी निर्मित चारागाहों में योग शिविर आयोजित करना सुनिश्चित किया जाएं। जल के महत्व पर जनचेतना बढ़ाने के लिए रात्रि चौपालों का आयोजन किया जाए। हरियाळो राजस्थान अभियान के अंतर्गत पौधों के रोपण के लिए अग्रिम मृदा कार्य समय पर पूर्ण कर रोपण सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत स्वीकृत सोखता गड्ढों का निर्माण कार्य शीघ्र आरम्भ किया जाए। जल संरचनाओं के आस-पास सफाई अभियान चलाया जाए और गांवों, धार्मिक स्थलों एवं प्रमुख स्थानों पर सफाई कार्य सुनिश्चित किया जाए। राजीविका समूहों के माध्यम से जल पूजन, दीप प्रज्वलन, कलश यात्रा तथा जल सखी जागरूकता रैलियों का आयोजन प्रत्येक गांव में किया जाए। अभियान की अवधि में पंचायत समिति अजमेर ग्रामीण में एक नर्सरी का शिलान्यास कर कार्य पूर्ण किया जाए तथा सात बीज बैंक स्थापित कर उन्हें क्रियाशील किया जाए।
बैठक में प्रभारी सचिव ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि विश्व पर्यावरण दिवस पर पीपल एवं बरगद जैसे पारंपरिक वृक्षों का प्रतीकात्मक पौधारोपण किया जाए। मियावाकी पद्धति से स्थानीय प्रजातियों का वृक्षारोपण सुनिश्चित किया जाए। विभाग की नर्सरियों से तैयार पौधे मानसून के दौरान रोपित किए जाएं। साथ ही जल संग्रहण संरचनाओं की डीसिल्टिंग और पौधशालाओं की सफाई सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने जल संसाधन विभाग को जल संरचनाओं पर स्वच्छता अभियान चलाने और पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए निर्देशित किया। वर्षा से पूर्व आवश्यक मरम्मत कार्य पूरे किए जाएं। साथ ही चिह्नित जल स्रोतों का लोकार्पण समयबद्ध रूप से किया जाए। जनजागरूकता के लिए बांधों और नहरों पर रैलियों का आयोजन किया जाए।
उन्होंने जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेयजल स्रोतों की सफाई, मरम्मत और जल गुणवत्ता की नियमित जांच की जाए। हैंडपंपों की खराबी पर तुरंत कार्रवाई हो। जल का अपव्यय रोकने के लिए हर हैंडपंप पर जल सोखता गड्ढों का निर्माण किया जाए। अवैध जल कनेक्शनों पर सख्त कार्रवाई की जाए। जल जीवन मिशन के लाभार्थी परिवारों की समस्याओं का समाधान ग्राम समाधान शिविरों के माध्यम से किया जाए।
उन्होंने कहा कि 5 जून गंगा दशमी को आनासागर, वरूण सागर तथा शहर एवं गांव की बावड़ियों की सफाई कराई जाए। 5 से 20 जून तक जिले भर में जलकुंभी हटाने तथा जल स्रोतों की सफाई के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। सभी नगरीय निकाय अपने क्षेत्रों में पारंपरिक जल स्रोतों की मरम्मत और साफ-सफाई सुनिश्चित करें। सार्वजनिक स्थलों, अस्पतालों, विद्युत ट्रांसफॉर्मरों और धार्मिक स्थलों पर सफाई करवाई जाए तथा वर्षाजल संचयन के लिए सभी भवनों पर वॉटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य किया जाए।
बैठक में कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को पखवाड़े के दौरान चिह्नित फार्म पोंड्स के कार्य आरंभ करने एवं पूर्व में पूर्ण हुए फार्म पोंड्स का लोकार्पण करने को निर्देशित किया। साथ ही सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं की स्वीकृतियाँ समय पर जारी कर किसानों को लाभान्वित करने को निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी विभागीय समन्वय के साथ कार्यों की दैनिक मॉनिटरिंग करें। जनसहभागिता को बढ़ावा दें। समयबद्ध रूप से समस्त गतिविधियाँ संपन्न कराएं। इससे जल संरक्षण के राष्ट्रीय लक्ष्य को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से साकार किया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि अभियान में आमजन का सहयोग बढ़ाने के प्रयास किया जाए। स्वच्छता एवं जल संरक्षण के लिए जागरूकता लाए। आमजन की आदत बनने तक लगातार प्रयासरत रहे। शिक्षक, जनप्रतिनिधि एवं अन्य प्रभावशाली व्यक्तित्व जागरूकता कार्य प्राथमिकता से करे। इनका अनुसरण आमजन अधिक करते है। इसको सतत बनाना है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा समस्त ग्राम पंचायतों में महिलाओं द्वारा कलश यात्राएँ और गांवों में श्रमदान तथा अन्य जनभागीदारी आधारित गतिविधियाँ करवाई जाएगी।
इस अवसर पर अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त देशलदान चारण, प्रशिक्षु आईएएस डॉ. नेहा राजपूत, अतिरिक्त जिला कलेक्टर ज्योति ककवानी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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