महाराजा दाहरसेन राष्ट्रीय अस्मिता व बलिदान के प्रतीक : ओंकार सिंह लखावत
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। राष्ट्र रक्षा में बलिदान हुये सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन के 1313वें बलिदान दिवस के उपलक्ष में महाराजा दाहरसेन के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर 15 जून को राष्ट्रीय ऑनलाइन संगोष्ठी सिन्ध-हिन्द-महाराजा दाहरसेन का आयोजन सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर की जाएगी। कार्यक्रम का संचालन सिन्ध इतिहास व साहित्य शोध संस्थान के कंवल प्रकाश किशनानी ने किया।
राजस्थान धरोहर प्राधिकरण अध्यक्ष व पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत ने कहां सिंधु पति महाराजा दाहरसेन के बलिदान दिवस पर राजस्थान धरोहर एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने उनके शौर्य, पराक्रम और बलिदान पर गर्व किया। संगोष्ठी कार्यक्रम के तहत उन्होंने संबोधित किया कि दाहरसेन राष्ट्रीय अस्मिता, एकता और बलिदान के जीवंत प्रतीक रहे हैं। लखावत ने कहा कि जब खलीफाओं ने आक्रमण किया था, तभी महाराजा दाहिर ने असाधारण साहस, देशभक्ति और पराक्रम का परिचय दिया था। उन्होने ़ शस्त्र उठाकर शत्रुओं का मुकाबला किया और राष्ट्र की रक्षा करते हुए सर्वाेच्च बलिदान दिया। भले ही महाराजा दाहरसेन हमारे मध्य नहीं हैं, किंतु उनके आदर्श हमें प्रेरित करते रहे हैं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भी देश विरोधी शक्तियाँ बार-बार सिर उठाती रहती हैं। ऐसी शक्तियों का मुकाबला एकजुट होकर, देशभक्ति की भावना से ही किया जा सकता है। लखावत ने आह्वान किया कि आज हम सभी महाराजा दाहरसेन जैसा साहस रखने, उनके बलिदान से प्रेरणा लेने और अखंड भारत की रक्षा व एकता के लिए हर परिस्थिति में तैयार रहने का संकल्प लें। हमारा असली समर्थन राष्ट्रीय एकजुटता और देशभक्ति ही है। महाराजा दाहरसेन ने जैसा बलिदान दिया, वही प्रेरणा हमें देश की अस्मिता की रक्षा, एकता बनाए रखने और अखंड भारत की परिकल्पना साकार रखने की प्रेरणा देता रहेगा। संसार का सिरमौर सिंध सदा हमारा गर्व रहेगा, इसका इतिहास हमें प्रेरणा देता रहेगा कि हम एकजुट होकर हर परिस्थिति का मुकाबला कर सकें।
एमडीएस यूनिवर्सिटी के प्रो. अरविन्द पारीक ने कहां कि ऐसे शूरवीर की गाथाओं को नई पीढ़ी को शिक्षा व संगोष्ठीयों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाना हमारा नैतिक दायित्व है। हम समझतंे है कि यदि महाराजा दाहसेन के साथ धोखा नहीं होता तो हम आज और ज्यादा सशक्त होते।
लेखक व चिंतक गिरधर तेजवानी ने कहां कि ओंकार सिंह लखावत ने अपने यूआईटी के अध्यक्ष के कार्यकाल में आज से 27 वर्ष पूर्व समाज को ऐसे शूरवीर के इतिहास की जानकारी देकर स्मारक बनवाया जो आने वाली पीढ़ी को इतिहास की जानकारी मिलती रहेंगी।
भारतीय सिंधू सभा के उपाध्यक्ष महेन्द्र तीर्थाणी ने कहां सभा की ओर से देशभर में बलिदान दिवस के उपलक्ष में सभी इकाइयों द्वारा देशभक्ति कार्यक्रम व संगोष्ठीयों का आयोजनकर युवा पीढ़ी को इतिहास से जोड़ा जा रहा है।
सोमवार सुबह 8.30 बजे होगा श्रद्धांजलि कार्यक्रम
महाराजा दाहरसेन के बलिदान दिवस सोमवार 16 जून को प्रातः 8.30 बजे से सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक, हरिभाउ उपाध्याय नगर पर श्रृद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किये जायेगें। साथ ही स्मारक पर स्थित हिंगलाज माता मन्दिर पर पूजा अर्चना, महापुरूषों की मूर्तियों पर श्रद्धासुमन अर्पण व देशभक्ति गीत प्रस्तुत किये जायेगें।
इन सभी कार्यक्रमों में नगर निगम अजमेर, अजमेर विकास प्राधिकरण, भारतीय सिन्धू सभा, सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन विकास एवं समारोह समिति व सिन्धु इतिहास व साहित्य शोध संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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