अजयमेरु प्रेस क्लब में योग दिवस पर मेडिटेशन सत्र का आयोजन
अजमेर (अजमेर मुस्कान) ध्यान व एकाग्रता में ज्ञान एवं वैराग्य की भूमिका महत्वपूर्ण होती हैl मन पर नियंत्रण के लिए बुद्धि एवं प्राण का सामंजस्य बनाए रखना जरूरी होता हैl ध्यान अध्यात्म का महत्वपूर्ण मुकाम है, जिसकी शुरुआत योग, प्राणायाम तथा सत साहित्य पढ़कर की जानी चाहिए। यह विचार शनिवार को योग दिवस पर वैशाली नगर स्थित अजयमेरु प्रेस क्लब में योग गुरु व अमेरिका में प्रथम सांस्कृतिक राजनयिक रहे डॉ. मोक्षराज ने व्यक्त किए । उन्होंने कहा कि य़ह शरीर पंच कोश से निर्मित है, इसमें अन्नमय,प्राणमय, मनोमय , विज्ञानमय व आनंदमय कोश शामिल हैं । अन्नमय कोश शरीर को पुष्ट करता है। प्राणमय कोश जीवन दायिनी शक्ति प्रदान करता है, मनोमय से विचारों का उद्भव होता है तथा विज्ञानमय कोश बुद्धि व तर्क से किसी विचार को मजबूती प्रदान करता है और आनंदमय कोश इन सब से ऊपर जीवन की वास्तविकता से रूबरू करवाकर मनुष्य को ज्ञान अध्यात्म की ओर अग्रसर करता हैl आसन प्राणायाम में ध्यान का सर्वश्रेष्ठ स्थान है, जिसके लिए मन से विकारों विचारों को दूर करके ईश्वरीय सत्ता के अस्तित्व को स्वीकार करना होता है। उन्होंने शरीर में अवस्थित विभिन्न चक्र एवं उनकी कार्य प्रणाली की भी जानकारी साझा की। इस मौके पर उन्होंने भ्रामरी प्राणायाम के उपरांत ध्यान का व्यावहारिक अभ्यास भी करवायाl सत्र के दौरान उपस्थित प्रेस क्लब के सदस्य एवं उनके परिवारजन ने विषय आधारित प्रश्न कर इस क्षेत्र में अपनी जिज्ञासा को पूर्ण किया ।
इस अवसर पर अजयमेरु प्रेस क्लब के सदस्यों की पत्नियों के " हमसफ़र "परिवार की कई सदस्य मौजूद रहीं । इनके अलावा डाॅ.जगदीश मूलचंदानी, अमित टंडन, सत्यनारायण जाला, नेमीचंद तम्बोली, महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो के सी शर्मा, सोम रत्न आर्य भी मौजूद रहे । कार्यक्रम में "हमसफ़र" परिवार की आभा शुक्ला, मधु अग्रवाल, निर्मला सनकत, विमला परिहार, शिखा गुप्ता, सुरेन्द्र बाला शर्मा सहित कई सदस्य मौजूद रहीं ।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अजयमेरु प्रेस क्लब के अध्यक्ष राजेंद्र गुंजल ने स्वागत उद्बोधन के साथ कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत कीl अंत में प्रेस क्लब के महासचिव अरविंद मोहन शर्मा ने आभार व्यक्त किया। संचालन प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह सनकत ने किया।
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