विधानसभा अध्यक्ष ने दी गीता जयंती की शुभकामनाएं
निवास पर सभी प्रमुख मंदिरों के पुजारियों के साथ विशेष आयोजन
पुस्तक व शॉल भेंटकर किया सम्मान
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। गीता जयंती के पावन अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के निवास पर एक भव्य और गरिमामयी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिले के सभी प्रमुख मंदिरों के पुजारी, संत-विद्वान, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। देवनानी ने सभी को गीता जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि गीता मात्र एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला सिखाने वाला सनातन मार्गदर्शन है, जो मनुष्य को कर्तव्य, सत्य और धर्म के प्रति जागरूक करता है।
गीता का संदेश विश्व के लिए प्रेरणास्रोत : विधानसभा अध्यक्ष
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार श्रीकृष्ण ने युद्धभूमि में अर्जुन को जीवन, धर्म और कर्तव्य का वास्तविक बोध कराया। उसी प्रकार गीता आज भी हर व्यक्ति को जीवन की कठिनाइयों के बीच साहस और सही दिशा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त तनाव, मतभेद, अवसाद और संघर्ष की परिस्थितियों को दूर करने के लिए गीता के उपदेश अत्यंत उपयोगी हैं। गीता मनुष्य को कर्मयोग, ज्ञानयोग और भक्तियोग जैसे सिद्धांतों के माध्यम से संतुलित और उद्देश्यपूर्ण जीवन का मार्ग दिखाती है।
समूहिक श्लोक-पाठ और आध्यात्मिक चर्चा
विशेष आयोजन की शुरुआत पंडितगणों द्वारा मंगलाचरण और गीता के 18 अध्यायों से चुने गए श्लोकों के सामूहिक पाठ से हुई। इस दौरान पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से सम्पन्न हो उठा। उपस्थित पुजारियों ने गीता के विभिन्न प्रसंगों, विशेषकर अर्जुन-विषाद योग और कर्मयोग के संदेशों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में दिशा देने वाला सार्वभौमिक ज्ञान है।
पुजारियों का शॉल एवं पुस्तक देकर सम्मान
कार्यक्रम के मुख्य बिंदु के रूप में विधानसभा अध्यक्ष ने सभी मंदिरों से आए पुजारियों का शॉल ओढ़ाकर और पुस्तक पंच निष्ठा, पूज्य गोविन्द गुरू, डॉ. भीमराव अम्बेडकर और महाराणा प्रताप पुस्तक भेंटकर सम्मान किया। उन्होंने कहा कि मंदिरों के पुजारी समाज में संस्कार, आध्यात्मिकता और सकारात्मकता के संवाहक होते हैं। उनका सम्मान करना संस्कृति के सम्मान के समान है। उन्होंने यह भी कहा कि ऎसे आयोजनों से धार्मिक एवं सामाजिक एकता को नई शक्ति मिलती है और युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जुड़ने की प्रेरणा प्राप्त होती है।
धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों की विशेष उपस्थित
कार्यक्रम में जिले के प्रमुख धार्मिक ट्रस्टों व सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने गीता जयंती को उत्सव के रूप में मनाने का संकल्प लिया। कई संगठनों ने गीता को स्कूलों में नैतिक शिक्षा के रूप में शामिल करने का भी सुझाव दिया, जिसे उपस्थित अतिथियों ने सराहा।
विश्व शांति व सद्भाव की प्रार्थना
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थितजनों ने विश्व शांति, समाज में सद्भाव, राष्ट्र की उन्नति और सभी परिवारों के कल्याण के लिए सामूहिक प्रार्थना की। अध्यक्ष ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक शक्ति उसकी आध्यात्मिकता में निहित है, और गीता का संदेश इस शक्ति को और अधिक मजबूती प्रदान करता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले वर्षों में यह आयोजन और भी अधिक भव्य रूप और जनसहभागिता के साथ मनाया जाएगा।
इस अवसर पर जतोई दरबार के फतनदास जी, राजगढ़ भैरव धाम के चम्पालाल जी महाराज, श्रीचित्रकूट धाम पुष्कर के संत पाठक जी महाराज, लोहागल रोड शिवकुंड के कन्हैयालाल, आगरा गेट श्रीगणेश मंदिर के महन्त घनश्याम, बालूगोमा गली आगरा गेट कार्यसिद्ध गणेश मंदिर के रामलालजी अग्रवाल, आगरा गेट बालाजी मंदिर के अनूपजी शर्मा, आगरा गेट शिवसागर मंदिर के महन्त प्रकाश व सीताराम, पट्टीकटला आगरागेट नया लक्ष्मीनारायण मंदिर के रवि, शिवबाग नया बाजार अद्र्धचन्द्रेश्वर महादेव मंदिर के श्याम, नया बाजार श्री रघुनाथ जी मंदिर के सतीश उपाध्याय, होलीदडा श्री सत्यनारायण भगवान मंदिर के किशन गोपाल, होलीदडा श्री नृसिंह मंदिर के श्यामशरण, होलीदडा श्री बालाजी मंदिर के चन्द्रस्वरूप दाधीच, घी मण्डी नया बाजार श्री चारभुजा मंदिर मुकेश कुमार शर्मा, नला बाजार श्री बालाजी मंदिर के रमेश गुरू, कायस्थ मौहल्ला श्री चारभुजा मंदिर के विष्णु, पुरानी मण्डी श्री सैन मंदिर के राधेश्याम व रामअवतार, पुरानी मण्डी रामद्वारा के रामकिशोर व उतमराम, कडक्का चौक कृष्ण परनामी जी के तिलक, घी मण्डी जागेश्वर जी मंदिर के सुनील दाधीच, जाटियावास भैरू जी मंदिर के श्री उमेश चन्द्र शर्मा, थाने के सामने खाइलेण्ड ट्रेफिक शिव मंदिर-राजराजेश्वर मंदिर के श्री बाबू लाल, घसेटी मौहल्ला माताजी मंदिर के अनिल ओझा, धान मंडी शिव मंदिर के खन्ना लाल, गंज श्री कल्याण जी मंदिर के पण्डित श्याम सुन्दर, गंज श्री सन्यास आश्रम के स्वामी शिवज्योती नन्द जी महाराज, देहली गेट श्री शनि मंदिर के पण्डित नन्दकिशोर, ऋषि घाटी स्वर्णकार बगीची श्री ठाकुर जी मंदिर के पण्डित बनवारी तथा श्रीलक्ष्मीनारायण मन्दिर के पण्डित प्रफ्फुल उपस्थित रहे।

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