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शुद्ध मन से ही भगवान की प्राप्ति संभव

शुद्ध मन से ही भगवान की प्राप्ति संभव

शुद्ध मन से ही भगवान की प्राप्ति संभव

अजमेर (अजमेर मुस्कान)। वैशालीनगर स्थित सर्वधर्म मंदिर में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तहत  शुक्रवार को सूतजी द्वारा प्रश्न करना, शुकदेव परीक्षित मिलन, कपिल देवहूति संवाद का वर्णन किया गया । प्रवक्ता आभा गांधी ने बताया कि पुष्कर के कथावाचक आचार्य आमोद कृष्णशरण दाधीच द्वारा संगीतमय मधुर वाणी में भगवत गीता का वाचन किया जा रहा है । यजमान रमेशचंद अग्रवाल, विनोद एवं सुभाष ने भागवत गीता की विधिविधान एवं मंत्रोच्चार के साथ पूजा कर आरती की ।  आचार्यजी ने कहा कि शुकदेव जी ने राजा परीक्षित से प्रश्न किया है कि भगवान का स्वरूप क्या है और कैसे उनकी प्राप्ति होती है । इस पर शुकदेवजी ने कहा है कि भगवान के स्वरूप को समझने के लिए हमें उनके गुणों और लीलाओं का ध्यान करना चाहिए। उन्होंने भगवान के विभिन्न रूपों का वर्णन किया है और बताया है कि कैसे भगवान की प्राप्ति के लिए हमें अपने मन को शुद्ध करना चाहिए।

पुष्पा अग्रवाल ने बताया कि आज धुव्र जी की झांकी सजाई गई ।  सजे धजे पंडाल में रोजाना 1.15 से 4 बजे तक कथा सुनाई जा रही है । कथा में सैकड़ों की संख्या में भक्तजन एवं श्रद्धालु कथा का श्रवण कर रहे है । शनिवार को जड़मरत कथा, अजामिल उपारख्यान, प्रहलाद चरित्र का वर्णन किया जाएगा । साथ ही नरसिंह एवं प्रहलाद की झांकी सजाई जाएगी ।

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