अजमेर (अजमेर मुस्कान)। अमर शहीद संत कंवरराम के 138वें जन्मोत्सव की पूर्व संध्या पर बुधवार 12 अप्रैल को सांय संत कंवरराम के जीवन पर एक गोष्ठी आयोजित की गई जिसमें संत कंवरराम साहब के आध्यात्मिक व संगीतमय जीवन पर प्रकाश डाला गया । इस अवसर पर समिति अध्यक्ष जीडी वरिंदानी ने कहा कि सिंध के महान कर्मयोगी, दानवीर, त्यागी, व तपस्या की मूर्ति अमर शहीद भगत संत कंवरराम के गीत गाकर याद किया गया ।
सिंधी समाज महा समिती के अध्यक्ष कंवलप्रकाश किशनानी ने कहा कि साईं कंवरराम साहब ने गुरु दर की सादगी से सेवा करके ईश्वर को प्राप्त किया था और उसी अमृतवाणी से सभी धर्मावलंबियों को जोड़कर प्रेम भाईचारे का संदेश दिया । झूलेलाल मंदिर के अध्यक्ष प्रकाश जेठरा ने कहा कि अमर शहीद संत कंवरराम ने आध्यात्मिक जीवन में धर्म-कर्म का ज्ञान प्राप्त कर इतनी परोपकार की सेवा की उनके द्वारा दी गई लोली से मृत शिशु भी जीवित हो उठा ऐसा भक्ति भाव सदैव स्मरण होता रहेगा ।
कार्यक्रम का शुभारंभ समिति सिंधी समाज महा समिति अध्यक्ष कंवल प्रकाश किशनानी, समिती अध्यक्ष जीडी वरिंदानी, झूलेलाल मंदिर अध्यक्ष प्रकाश जेठरा द्वारा संत कंवररामजी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर मशहूर गायक होतचंद मोरयानी द्वारा "वाह वाह रे घड़ा" मोरयानी द्वारा गाया संत कंवर राम का भजन "कंवरराम ओ कंवरराम वरी हली आ"गाकर लोगों का मन जीत लिया । पूनम गीतांजलि द्वारा "किय रिझाया धोखे किय परचाया", प्रीति जैन द्वारा "पीली पगड़ी कनन मे कुंडल" किरण पंजवानी द्वारा "सिंधु नदी पे रूनी"निकिता पंजवानी द्वारा कंवरराम ओ कंवरराम" ने भजन गाकर लोगों को मंत्र मुक्त कर दिया। लक्षिका तारानी, हीरेन बदलानी,और रूही द्वारा संत कंवर की वेशभूषा में नृत्य किया गया।
अंत में संत कंवरराम जी की महाआरती जयप्रकाश मंघाणी, खुशीराम ईसरानी, प्रकाश जेठरा, महेंद्र कुमार तीर्थानी, शंकर टिलवानी,रमेश रायसिंघानी, ईश्वर दास जेसवाणी, हरि चंदनानी, रमेश टिलवानी, एम टी वाधवानी, पुरषोत्तम तेजवानी, जयकिशन लख्यानी, मोहन चेलानी, राजकुमार सतवानी, भेरूमल शिवनानी, गोविंदराम कोडवानी, मुरली गुरनानी, किशन केवलानी, ओम प्रकाश शर्मा द्वारा की गई ।
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