एनसीईआरटी कार्यशाला का तीसरा दिन
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। नई शिक्षा नीति के तहत देश का हर राज्य इंटीग्रेटेड टेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के साथ काम करेगा। इसके तहत प्रत्येक राज्य अपना प्रश्न-बैंक तैयार करेगा। इसी तरह नई शिक्षा नीति की पालना के जरिए विद्यार्थियों के समग्र मूल्यांकन का खाका तैयार किया जाएगा।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं एनसीईआरटी के परफॉरमेंस असेसमेंट रिव्यू एंड एनालिसिस ऑफ नॉलेज फॉर होलिस्टिक डवलपमेंट (परख) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड एवं प्रश्न पत्र प्रारूप मानकीकरण पर आधारित पाँच दिवसीय कार्यशाला का तीसरा दिन विषयवस्तु की गहराई से समझ और व्यावहारिक गतिविधियों पर केंद्रित रहा। परख के विशेषज्ञों ने बोर्ड समतुल्यता रिपोर्ट की पृष्ठभूमि प्रस्तुत की। इसके पश्चात सत्र में विभिन्न बोर्डों की समतुल्यता पर आधारित रिपोर्ट, मूल्यांकन की अवधारणाएँ, मूल्यांकन के घटक, प्रकार, उपकरण एवं तकनीकों की गहन जानकारी दी गई।
दोपहर के सत्र में एक अच्छे मूल्यांकन योजना की विशेषताएँ, एनईपी 2020 के अनुसार मूल्यांकन की दृष्टि, और एनसीएफ एण्ड एसई के तहत विभिन्न चरणों में मूल्यांकन की संकल्पना पर चर्चा की गई। यह सत्र शिक्षकों के लिए मूल्यांकन के सिद्धांतों को समझने का आधार बना। अंतिम सत्र में प्रतिभागियों ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड परीक्षा 2025 के 10वीं एवं 12वीं के गत वर्षों के प्रश्न पत्रों का विश्लेषण करते हुए एक मूल्यांकन रूपरेखा, डिज़ाइन तथा ब्लूप्रिंट तैयार किया। यह गतिविधि शिक्षकों को मूल्यांकन प्रक्रिया की व्यावहारिक समझ प्रदान करने में सहायक रही।
तीसरे दिन की कार्यशाला ने यह स्पष्ट कर दिया कि मूल्यांकन अब केवल अंक देने की प्रक्रिया नहीं रह गया है, बल्कि यह छात्रों के समग्र विकास को मापने का एक सशक्त माध्यम बन चुका है। कार्यशाला के माध्यम से प्रतिभागियों को मूल्यांकन की समकालीन अवधारणाओं से जोड़ते हुए शिक्षण में गुणवत्ता उन्नयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया।
इंटीग्रेटेड टेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस)-परख एनसीईआरटी
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत इंटीग्रेटेड टेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) विकसित किया गया है। यह प्रणाली प्रश्न बैंक तैयार करने, छात्रों की सीखने की प्रक्रिया, क्षमताओं और समझ का समग्र मूल्यांकन करने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह एक डिजिटल मंच है, जिसमें प्रश्न-पत्र निर्माण, मानकीकरण, मूल्यांकन, विश्लेषण और फीडबैक की संपूर्ण प्रक्रिया को एकीकृत किया गया है। यह शिक्षकों को दक्षता आधारित प्रश्नों का निर्माण करने, विद्यार्थियों की प्रगति का मूल्यांकन करने तथा शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने में सहायक है।
इस प्रणाली के माध्यम से प्रश्न-पत्र निर्माण में पारदर्शिता, समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित होती है। साथ ही, यह सभी बोर्डों के लिए प्रश्न-पत्रों का एक समान ढांचा उपलब्ध कराता है जिससे मूल्यांकन की प्रक्रिया में समानता लाई जा सके। परख और आईटीएमएस मिलकर शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने, विद्यार्थियों के समग्र विकास को बढ़ावा देने तथा शिक्षक प्रशिक्षण को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
कार्यशाला में सचिव कैलाश चन्द्र शर्मा, वित्तीय सलाहकार रश्मि बिस्सा, विशेषाधिकारी नीतू यादव, निदेशक अकादमिक दर्शना शर्मा, सहायक निदेशक उमेश चौरसिया, निदेशक (गोपनीय) गीता पलासिया, सहायक निदेशक (संपदा) अजय बंसल, प्रवीण शर्मा, राजीव चतुर्वेदी सहित बड़ी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित रहे।
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