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सिन्ध मिलकर अखण्ड भारत बनेगा - शर्मा

सिन्ध मिलकर अखण्ड भारत बनेगा - शर्मा

सिन्ध में जन्में 135 बुजुर्गों का सम्मान कर लिया संकल्प

सिन्ध स्मृति दिवस पर विभाजन त्रासदी को याद कर सभी के आंखें नम हो गई

सिन्ध मिलकर अखण्ड भारत बनेगा - शर्मा

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
सिन्ध मिलकर अखण्ड भारत बनेगा, सिन्धु सनातन संस्कृति का ज्ञान युवा पीढी को करवाने का संकल्प है सिन्ध स्मृति दिवस। अपनी शिक्षा मातृ भाषा में हो ऐसे विचार ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम में भारतीय सिन्धु सभा महानगर अजमेर की आयोजित सिन्ध स्मृति दिवस पर मुख्य वक्ता निरंजन शर्मा ने विचार प्रकट करते हुये कहे।

शर्मा ने कहा कि सिन्ध की पवित्र धरती जहां वेदो की रचना हुई, सन्त महापुरूषों की पवित्र स्थान, व्यापार व धर्म शिक्षा का सर्वोच्च स्थान, पुरानी सभ्यता मुअन जो दडो व हडप्पा संस्कृति का स्थान स्वतंत्रता के पूर्व अखण्ड भारत से कट गया और हम सभी मिलकर संकल्प लेगें कि सिन्ध मिलकर अखण्ड भारत बनेगा।

आश्रम के महन्त स्वरूपदास उदासीन ने आर्शीवचन में कहा कि आज बुजुर्गों के ज्ञान से ही हमारी सनातन संस्कृति आगे बढ रही है। हम सभी सौभाग्यशाली है कि इनका सम्मान कर हम विभाजन के दर्द को समझ पा रहे हैं और परम पिता से इनके स्वस्थ व प्रसन्नता की प्रार्थना करते हैं।

प्रदेश मंत्री युवा मनीष गुवालाणी ने संगठन की जानकारी देते हुये कहा कि सभा का गठन सिन्ध के गौरवमयी इतिहास को युवाओं तक पहुचानें के लिये किया गया और महापुरूषों की जयन्ती व बलिदान दिवसों से गौरव प्राप्त होता है। पूरे राज्य में आज इस तरह देशभक्ति के कार्यक्रम और विभाजन त्रासदी के चित्रांे की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है।

सिन्धूपति महाराजा दाहरसेन विकास व समारोह समिति के समन्वयक कंवल प्रकाश किशनानी ने 1356वीं जयंती के अवसर पर सात दिवसीय आयोजन में खेलकूद, रंगभरो प्रतियागिता, ऑनलाइन संगोष्ठी, रूपलो कोल्ही बलिदान दिवस, वृक्षारोपण व मख्य समारोह 24 अगस्त की विस्तृत चर्चा करते हुये कहा कि स्मारक देशभक्ति की प्रेरणा का केन्द्र बन गया है जहां हमें निरन्तर सहभागिकता करनी चाहिये।     

कार्यक्रम का शुभारंभ आराध्यदेव झूलेलाल, भारत माता व सिन्ध के मानचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन अतिथियों के साथ सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, सीआरपीएफ के डिप्टी कमाण्डेट मनोज भम्भाणी, सिन्धी सारस्वत ब्रहमण संस्था के पण्डित राजू शर्मा, प्रदेश सन्त प्रमुख मोहन तुलस्यिाणी द्वारा किया गया। संगठन मंत्री मोहन कोटवाणी व के.जे. ज्ञानी ने देश भक्ति गीत प्रस्तुत किये। स्वागत भाषण महानगर अध्यक्ष नरेन्द्र बसराणी व आभार जिला मंत्री रमेश वलीरामाणी ने किया। मंच का सफल संचालन महानगर मंत्री महेश टेकचंदाणी ने किया।

135 बुजुर्गों का हुआ सम्मान

संगठन की ओर से तय किया गया था कि 15 अगस्त 1947 से पूर्व अखण्ड में जन्म लेने वाले 135 बुजुर्गों का स्वामी जी व अतिथियों द्वारा शॉल, प्रशस्ति पत्र व हार पहनाकर आर्शीवाद लिया गया। सभी का गु्रप में हुये सम्मान में उनकी दर्द भरी स्थिति सुनने पर सभी की आंखें नम हो गई। उस समय कैसे कैसे अत्याचार हुये कैसे अपने ही देश में हम विस्थापित हो गये। उस वक्त के नेताओं ने बार बार कहा कि हमारी लाश पर विभाजन होगा और उन्हीं की आखों के सामने विभाजन हो गया।हम सभी प्रार्थना करते हैं कि अपने जीवनकाल में ही सिन्ध की पवित्र भूमि के दर्शन करें और भारत अखण्ड हो।


समारोह में सिन्धू समिति के अध्यक्ष जयकिशन लख्याणी, झूलेलाल मन्दिर के अध्यक्ष प्रकाश जेठरा, सिन्धी विकास समिति के अध्यक्ष भगवान कलवाणी, सिन्धू संगम संस्था के सरंक्षक हरीश हिंगोराणी, सुधार सभा के संरक्षक ईश्वर ठाराणी, महेश्वरी गोस्वामी, स्वर्णकार समाज के तुलसी सोनी, पूर्व पाषर्द मोहन लालवाणी, आदर्श सिन्धी पंचायत के अध्यक्ष गुरबक्ष मीराणी, महासचिव लाल नाथाणी, जिला मंत्री रमेश वलीरामाणी, उपाध्यक्ष भगवान पुरसवाणी, शंकर सबनाणी, रमेेश कल्याणी, मातृशक्ति अध्यक्ष रूकमणी वतवाणी, सीताराम बच्चाणी, हरकिशन टेकचंदाणी, कमलेश शर्मा, राम बालवाणी, मुरली चंदनाणी, लक्षमणी दौलताणी, प्रकाश मूलचंदाणी, किशन बालाणी, वासुदेव कुन्दनाणी, किशोर टेकवाणी, रमेश एच.लालवाणी, चन्द्र नावाणी महेश ईसराणी, प्रकाश हासाणी, ईसर भम्भाणी, प्रकाश हिंगोराणी, कुमकुम छतवाणी  सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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