अजमेर (अजमेर मुस्कान)। अजमेर शहर का सुर संगम संगीत समूह के तत्वाधान में गीत संगीत कार्यक्रम का एडमिन दयाल प्रियानी के सानिध्य में आयोजित किया गया ।
प्रकाश जेठरा ने बताया कि कलाकारों की बेहतरीन गानों की प्रस्तुतियों ने साम बांध लिया और झूमने व नाचने लगे। इस अवसर पर हरीश मसंद ने चंचल शीतल निर्मल, कोमल .....प्रकाश झमटानी ने रुक जा ओ जाने वाली रुक जा.....भारती नंदी ने तेरी आँखों के शिवाय दुनिया मे... पूनम लालवानी नें जिंद ले गया वो... जीतेश लालवानी नें होठों से छू लू तो.... प्रकाश जेठरा ने चेहरा है या चाँद खिला है..... प्रणय नंदी नें बंदा परवर मै कहाँ....यज्ञदत्त शर्मा नें मेरी दुनिया है...मंजू चेनानी नें मै दुनिया भुला दूंगा.....जे सी सिन्हा रुख से जरा नक़ाब उठा दो..... लक्ष्मण हरजानी नें तू औरो कि क्यों हो गई...पी एल खेतावत नें आज कि रात मेरे .... दयाल प्रियानी नें चिठ्ठी ना कोई सन्देश...लक्ष्मण चेनानी नें आँखों मे हमने आपके....विनोद कुमार शर्मा नें ये काली काली आँखे ...... गुलाब खत्री नें प्यार का पहला खत.....अरविन्द मिश्रा नें जीवन से भरी तेरी आँखे... आज़ाद अपूर्वा नें तन्हा ना आपने.... दिलीप बच्चानी नें अब मुझे रात दिन......विजय सिंह चौहान नें मेरी माँ....... राजेश यादव नें दिन ढल जाये हाय....आदि कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर मंत्र मुग्ध कर दिया ।
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