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ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित अजयमेरु प्रेस क्लब की साहित्यधारा

हर वीर सिपाही सेना का केवल हिंदुस्तानी है

ऑपरेशन सिंदूर को समर्पित अजयमेरु प्रेस क्लब की साहित्यधारा

अजमेर (अजमेर मुस्कान)।
साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और साहित्य प्रेमियों का हौसला बनाये रखने के लिए कई वर्षों से चली आ रही अजयमेरु प्रेस क्लब की मासिक गोष्ठी "साहित्यधारा" इस बार पाकिस्तान से संचालित आंतकवाद के खिलाफ भारत द्वारा चलाये गए "ऑपरेशन सिंदूर" को समर्पित रही। रचनाकारों ने देशभक्ति व सेना की शौर्यगाथा से ओतप्रोत रचनाएं प्रस्तुत कीं।

रामवतार यादव "सहर" की कविता जंग में सब हारते हैं जीतता कोई नहीं, नलिनी उपाध्याय की कविता "बिना रक्तपात युद्ध", कुलदीप खन्ना की रचना "हमारा ही रहेगा पीओके", और एमडीएस विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ केसी शर्मा की रचना "जब ऑपरेशन सिंदूर हुआ" ने जहां खूब दाद पाई वहीं प्रदीप गुप्ता की कविता "हर वीर सिपाही अपनी सेना का केवल हिन्दुस्तनी है", डॉ रंजना शर्मा की कविता "रणचण्डी का हुंकार भरा", डॉ चेतना उपाध्याय की रचना "पूरब पर नाज़ पच्छिम का करें आगाज़", अमित टण्डन की ग़ज़ल "भरे हों पेट जिनके वो भूखों को इमदाद नहीं देते", पुष्पा क्षेत्रपाल की रचना "मेरी देश की सेना क्या कहना और विजय कुमार शर्मा की कविता "भारत की सेना का शौर्य" को बहुत सराहा गया। इनके अतिरिक्त ब्यावर के चंद्रभान सिंह, रजनीश मसीह, देवेंद्र सिंह चौहान, पुष्पा शर्मा 'कुसुम" की विभिन्न शैलियों में सुनाई गई रचनाओं ने जहां व्यवस्था पर प्रहार किए और सामाजिक हालात को दर्शाया, वहीं देश की विजय पताका को भी सलाम किया।

गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए बनवारी लाल शर्मा ने अपने जीवन जे अनेक अनुभव साझा किए और कविता "सेना का शौर्य" सुनाई। कार्यक्रम का संचालन अमित टण्डन ने किया । अंत में प्रदीप गुप्ता ने सभी का आभार प्रकट किया।

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