जिला स्तरीय कार्यक्रम वरुण सागर पर हुआ आयोजित
जल संरक्षण को जन आंदोलन का स्वरूप देने की ऐतिहासिक पहल : भागीरथ चौधरी
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। गंगा दशहरा एवं विश्व पर्यावरण दिवस के पावन अवसर पर गुरुवार को वरुण सागर पर वन्दे गंगा जल संरक्षण महा अभियान के जिला स्तरीय कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ किया गया। इस अभियान का उद्देश्य जल संरक्षण एवं पर्यावरण सुरक्षा को लेकर समाज में जनजागरूकता उत्पन्न करना तथा इसे जन आंदोलन का स्वरूप प्रदान करना है।
कार्यक्रम की शुरुआत वरुण सागर घाट की स्वच्छता के लिए श्रमदान से हुई। इसमें जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, कार्मिकों, स्वयंसेवी संगठनों एवं आम नागरिकों ने भाग लिया। इसके पश्चात् जल की महत्ता को रेखांकित करते हुए जल पूजन एवं कलश यात्रा का आयोजन किया गया। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भगीरथ चौधरी, राजस्व मंडल के अध्यक्ष हेमंत गैरा एवं जिले की प्रभारी सचिव गायत्राी राठौड़ की उपस्थिति में विधिवत रूप से जल पूजन किया गया तथा हरी झंडी दिखाकर कलश यात्रा को रवाना किया गया। महिलाओं ने पारंपरिक गीतों के माध्यम से यात्रा को सांस्कृतिक रंग प्रदान किया।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की परिकल्पना को साकार करने के लिए जन सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए सरकारी प्रयास के साथ प्रत्येक नागरिक का नैतिक एवं सामाजिक दायित्व है। सरकारी योजना एवं कार्यक्रम जनमानस की सहभागिता के बिना मूर्तरूप नहीं ले सकते । इसके लिए आमजन को जागरूक होकर सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। खेती में जल की बर्बादी रोकने के लिए बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति, वर्षा जल संग्रहण और जल पुनः उपयोग की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा हमें खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में ही रोकना होगा।
उन्होंने कहा कि जल एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह अभियान एक अनुकरणीय प्रयास है। जो गांव से लेकर शहर तक जागरूकता उत्पन्न करेगा। उन्होंने प्लास्टिक के प्रयोग से होने वाले स्वास्थ्य प्रभावों पर चिंता व्यक्त करते हुए जनता से अपील की कि वे प्लास्टिक मुक्त जीवनशैली अपनाएं। जल ही जीवन है और प्रकृति परमात्मा है। इसको केन्द्र में रखकर मुख्यमंत्राी श्री भजनलाल शर्मा द्वारा जल संरक्षण महा अभियान का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति महिलाओं को देवी स्वरूपा मानती है। यह हमारी संस्कृति की महानता का द्योतक है। ग्रामीण संस्कृति में जल को पवित्र मानते है। इस कारण जल बचाने की आदत है। बदली हुई जीवन शैली में जल बचाने की आदत डालना आवश्यक है। सभी को शुद्ध पेयजल मिलने से बिमारियां कम होगी। प्रत्येक व्यक्ति में राष्ट्र प्रेम और देश को आगे बढ़ाने की भावना अभिव्यक्त होनी चाहिए। जल स्त्रोतों के रख रखाव का कार्य केवल सरकार नहीं रख सकती। इस प्रकार के कार्य आमजन के साथ आने से ही अपने लक्ष्य को प्राप्त करते है।
जिला कलक्टर लोकबंधु द्वारा उपस्थित नागरिकों को जल संरक्षण, विवेकपूर्ण जल उपयोग, वर्षा जल संचयन, पारंपरिक जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं प्लास्टिक मुक्त जीवन शैली अपनाने की शपथ दिलाई गई। नागरिकों ने जल है तो कल है के संकल्प को आत्मसात करने की शपथ ली। जल का संरक्षण विवेकपूर्ण तरीके से करने, अपव्यय रोकने, जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने, वर्षा जल संग्रह एवं संरक्षण करने, पारंपरिक जल स्त्रोतों के संरक्षण तथा पूनर्जीवन में सहयोग करने, भावी पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य के लिए जल संचय करने सहित विभिन्न अभियानों में सहयोग देने का संकल्प लिया गया।
उन्होंने कहा यह अभियान जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, स्वास्थ्य, और सामाजिक चेतना का समग्र प्रयास है। यह पखवाड़ा जल संरक्षण की दिशा में ठोस कदम सिद्ध होने के साथ भावी पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वच्छ भविष्य की नींव भी रखेगा।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक खन्ना द्वारा जल संरक्षण पर आयोजित आमुखीकरण कार्यशाला के अंतर्गत जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, वृक्षारोपण एवं पारंपरिक जल स्त्रोतों के पुनर्जीवन पर विस्तार से चर्चा की । उन्होंने कहा कि वन्दे गंगा जल संरक्षण अभियान के अंतर्गत जल स्वावलंबन पखवाड़े में 5 से 20 जून तक जिले के 700 से अधिक ग्रामों में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएगी। इस अभियान में अनेक विभाग जैसे पंचायती राज, नरेगा, राजीविका आदि की सहभागिता सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्राी जल स्वावलंबन योजना के अंतर्गत निर्मित जल संरचनाओं का लोकार्पण किया जाएगा एवं पारंपरिक बावड़ियां, तालाबों आदि जल स्त्रोतों की पूजा एवं पुनर्जीवन का कार्य किया जाएगा।
इस अवसर पर गोपाल बंजारा एवं उनके दल द्वारा प्रस्तुत लघु नाटिका ने जल एवं पर्यावरण संरक्षण के संदेश को प्रभावशाली ढंग से जनमानस तक पहुंचाया। इसके माध्यम से वृक्षारोपण से पेट भरता है और पेड़ काटने से भूखा रहना पडेगा का संदेश दिया गया। साथ ही जल पुनर्भरण, प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण तथा अतिक्रमण मुक्त जलस्त्रोतों के संदेश के साथ नाटिका मंचित हुई। आपां लगावालां पेड़ आज जमानो सुधरेगो गीत ने सबका मन मोह लिया। नाटिका दल मंे श्री महेश वैष्णव, श्री गोपाल प्रसाद, श्रीमती सुशीला एवं कोमल थी।
कार्यक्रम के दौरान पीपल पूजन, पौधारोपण एवं राजीविका प्रदर्शनी का अवलोकन भी अतिथियों द्वारा किया गया। राजिविका प्रदर्शनी में नागोला कलस्टर के द्वारा निर्मित फ्रूट सोप, हैण्ड वॉस, डीस वॉस, फिनायल, फैस वॉस, साबुन टब एवं जूट उत्पाद प्रदर्शित किए गए थे। इसी प्रकार दिलवाडा कलस्टर के द्वारा जूट बैग, पायदान, फैन्सी कवर, केरी बैग, सॉफिंग बैग, फ्रिज कवर, टेबल कवर, टेबल बैग, बॉटल बैग, टिफिन बैग, प्रिंटिंग आर्ट जैसी वस्तुएं उपलब्ध कराई गई।
नौसर घाटी स्थित लव कुश वाटिका में प्रभारी सचिव गायत्री राठौड़ सहित अन्य अधिकारियों द्वारा सामूहिक पौधारोपण किया गया। वन विभाग द्वारा आयोजित चित्राकला प्रतियोगिता में विजेताओं को सम्मानित किया गया। चित्राकला प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले तोषिका अग्रवाल, अक्षिता, माही गुप्ता, भूमिक जैन तथा दक्षिता बोहरा को स्मृति चिन्ह एवं पुरस्कार प्रदान किए गए। जिला कलक्टर द्वारा विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्लास्टिक मुक्त वन का संकल्प दिलाया गया। साथ ही इसे धरातल पर उतारने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की गई। वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान के संस्थापक सुखदेव भट्ट एवं अनुजा त्रिपाठी के द्वारा वन्यजीवों का प्रदर्शन कर जानकारी प्रदान की गई।
इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक ओम प्रकाश, पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा, मुख्य वन संरक्षक ख्याति माथुर, नगर निगम आयुक्त देशल दान, प्रशिक्षु आईएएस डॉ. नेहा राजपूत, उप महापौर नीरज जैन, शहर अध्यक्ष रमेश सोनी, देहात अध्यक्ष जीतमल प्रजापत, अतिरिक्त जिला कलक्टर गजेंद्र सिंह राठौड़ एवं ज्योति ककवानी सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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