गांधी महोत्सव समापन कार्यक्रम आयोजित
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। गांधी के समय पत्रकारिता को चुनौतियां भयानक थीं किंतु गांधी ने निडरता से उसका सामना किया। सच्ची पत्रकारिता का अर्थ ही बिना किसी दबाव और डर के सच को सामने लाना है, ये विचार सुप्रसिद्ध पत्रकार तथा गांधीवादी विचारक राजेश बादल ने व्यक्त किए। गांधी महोत्सव समिति और अजयमेरु प्रेस क्लब द्वारा आयोजित व्याख्यान में बोलते हुए बादल ने कहा कि भारत में पत्रकारिता का स्वर्णिम इतिहास रहा है और इसे समृद्ध बनाने में महात्मा गांधी का महत्वपूर्ण रहा है।
राज्यसभा टीवी के पूर्व सम्पादक रहे राजेश बादल ने गांधी की पत्रकारिता और आज का दौर विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि गांधी ने दक्षिण अफ्रीका
में इंडियन ओपिनियन अखबार निकाला। भारत में यांग इंडिया, नवजीवन और हरिजन आदि अनेक समाचार पत्र निकाले। उनके लेखन से ब्रिटिश राज्य की नैतिक सत्ता घबराती थी। बादल ने आज के पत्रकारों से आह्वान किया कि वे वक्त के खतरों को समझे और उन्हें उजागर करें।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि साहित्यकार पराग मांदले ने कहा कि गांधी की पत्रकारिता से हमें निरंतर सीखना चाहिए।
अध्यक्षता करते हुए डी एल त्रिपाठी ने कहा कि प्रेम ,करुणा,सौहार्द और बंधुत्व की पूरी दुनिया को आवश्यकता है। गांधी का यह संदेश विश्व में शांति ला सकता है।
व्याख्यान के प्रारंभ में क्लब के संस्थापक अध्यक्ष डॉ रमेश अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया अंत में प्रताप सनकत ने आभार ज्ञापित किया। संचालन डॉ अनंत भटनागर ने किया।
कार्यक्रम में सत्यकिशोर सक्सेना, एम एल अग्रवाल, सुरेश अग्रवाल, मोहन चेलानी, राजकुमार नाहर, सुरेश सिंधी, अनिल जैन, रासबिहारी गौड़, शेफाली मार्टिंस आदि गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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