गोलोक धाम सिधारने पर अजमेर में दी गई अश्रुपूरित श्रृ़द्धांजलि
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। लखनउ शिव शांति सेवा आश्रम के परमश्रद्धेय सांई चाण्डूराम साहिब के गोलोकधाम सिधारने पर अजमेर की सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं की ओर से श्रृद्धासुमन अर्पित करते हुये परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना की है कि उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें व देश विदेश में सेवारत श्रृद्धांलुओं को उनके जीवन के प्रेरणादायी मार्गदर्शन पर चलने की आर्शीवाद दे।
सन्त कवंरराम साहिब व सांई सतरामदास की प्रेरणा से देशभर में उनकी शिक्षाओं को सदैव आगे बढाकर समाज को जोड़ने के सफल प्रयास सांई चाण्डूराम साहिब ने किये।
सन्त कवंरराम साहिब के डाक टिकट विमोचन का समारोह संसद में राष्ट्रपति द्वारा 26 अप्रेल 2010 को आयोजित करवाने के अनेक सेवा कार्याें की प्रेरणा सांई चाण्डूराम द्वारा दी गई। जरूरतमन्द परिवारों के लिये शिक्षा व चिकित्सा के सेवा कार्यों के साथ राशन सामग्री का वितरण निरंतर किया जाता है। परिवारों में आपसी प्रेम बढाकर एकजुट रहने के साथ सभी को एकदूसरे की सेवा व समर्पण की मिसाल कायम की।
श्रृद्धासुमन अर्पित करने वालो में मंण्डल के अध्यक्ष नरेन शाहणी भगत, सचिव लालचन्द बूलचन्दाणी जयकिशन लख्याणी, दिलिप बूलचन्दाणी, विजय शाहणी, झूलेलाल मन्दिर के अध्यक्ष प्रकाश जेठरा, जयप्रकाश मंघाणी, भारतीय सिन्धू सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, प्रान्त संत सम्पर्क प्रमुख मोहन तुलस्यिाणी, नरेन्द्र बसराणी, सिन्धी समाज महासमिति के अध्यक्ष कवंलप्रकाश किशनानी, सिन्धू समिति के हरकिशन टेकचंदाणी, अजीत पमनाणी, महेश ईसराणी, के.जे.ज्ञानी, महेश टेकचन्दाणी, अशोक सोनी, ईच्छापूर्ण झूलेलाल मन्दिर के राम बालवाणी, गोविन्द पारवाणी, भगवान साधवाणी, मुकेश आहूजा, किशन केवलाणी, पुरषोतम जगवाणी, मुखी मोती जेठाणी, सिन्धी शिक्षा समिति के अध्यक्ष भगवान कलवाणी, दीदी रूकमणी वतवाणी, जयकिशन हिरवाणी सहित विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों ने अपनी श्रृद्धासुमन देते हुये ऐसे सन्तों के बताए मार्गदर्शन पर चलकर सेवा करना ही सच्ची श्रृद्धांजलि होगी।
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