संभाग की चिकित्सा सेवाओं की हुई समीक्षा
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। संभाग की चिकित्सा सेवाओं के सम्बन्ध में शुक्रवार को विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं प्रभारी सचिव गायत्री राठौड़ के द्वारा समीक्षा बैठक ली गई। इसमें प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य निदेशक मधु रतेश्वर, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. अमित यादव, आरयूएचएस के नरेश, स्वास्थ्य सेवाओं के सयुंक्त निदेशक डॉ. एस.एस. जोधा एवं प्रधानाचार्य डॉ. अनिल सामरिया ने विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी।
प्रभारी सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध चिकित्सालयों एवं अन्य संस्थानों के कार्मिकों को मरीजों तथा परिजनों के साथ शिष्ट एवं संयमित व्यवहार रखना चाहिए। चिकित्सालयों की व्यवस्थाओं एवं सुविधाओं को समय पर दुरस्त कराये। संपर्क पोर्टल के प्रकरणों को तत्काल निस्तारित किया जाना चाहिए। मा वाउचर योजना, मुख्यमंत्री निःशुल्क जाँच एवं दवा योजना का लाभ राजस्थान के प्रत्येक निवासी को मिलना सुनिश्चित किया जाए। अपना घर के निवासितों को भी राजस्थान का निवासी मानते हुए उपचार किया जाए।
उन्होंने कहा कि चिकित्सालय परिसरों में अवैध रूप से वाहन खड़े नहीं होने दे। इसे रोकने के लिए सक्षम तंत्र विकसित किया जाए। चिकित्सालयों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। चिकित्सालयों की पार्किग व्यवस्था को सही करने से कई समस्याओं का स्वतः समाधान हो जाएगा। बजट घोषणाओं तथा मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देशों के कार्य प्राथमिकता से किए जाए। केंद्रीय योजनाओं के फण्ड का शत-प्रतिशत उपयोग करें।
उन्होंने कहा कि टीकाकरण के लक्ष्यों को पूर्ण करने के साथ ही हैपेटाईटिस के टीके की खुराक भी सभी बच्चों को दें। सभी एमआर-1 को एमआर-2 में बदले। मातृत्व स्वास्थ्य की प्रगति को लगातार मॉनिटर करें। इसकी साप्ताहिक समीक्षा सुनिश्चित की जाए। कम प्रगति वाले ब्लॉक को चिह्नित करके प्रगति बढ़ाने का प्रयास करें। जननी सुरक्षा योजना के भुगतान को समय पर किया जाए। नवजात शिशुओं को विटामीन-के की बर्थ डोज अवश्य दें। कुपोषित बच्चों का उपचार सुनिश्चित करें। निक्षय पोर्टल पर एनरोलमेंट बढ़ाएं। ओपीडी के मुकाबले फॉर्मेसी सेच्युरेशन सुसंगत बनाये।
उन्होंने कहा कि जिले को जारी वित्त सीमा से अधिक राशि की आवश्यकता होने पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पास प्रस्ताव भिजवाए जा सकते हैं। आयुष्मान आरोग्य मन्दिर में वेलनेस सत्र सहित समस्त पैकेजेज को करना सुनिश्चित करें। निर्धारित कार्यों को करने वालों को ही इनसेंटिव जारी किया जाए। विभिन्न योजनाओं के लक्ष्य दिसम्बर तक पूर्ण करें। आपसी समन्वय से कार्य कर कार्यों की गति बढ़ाये। जेएलएन चिकित्सालय के नवाचारों पर भी चर्चा की गई।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योत्स्ना रंगा, अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे, आरसीएचओ डॉ. रामलाल चौधरी सहित ब्यावर, भीलवाड़ा, डीडवाना, नागौर एवं टोंक जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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