सबसे बड़ा महादान रक्तदान अपने आराध्य देव व पूर्वजों की याद में करना चाहिए रक्तदान
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। सिन्धी युवा संगठन, अजमेर द्वारा चेटीचंड पखवाड़े के तहत अजमेर के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा में 51 युनिट रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया।
संयोजक कमल लालवानी ने बताया कि चेटीचंड के अवसर पर समाज बंधुओं द्वारा 51 युनिट रक्तदान किया गया, रक्तदान करने वाले को सिंधी युवा संगठन द्वारा हेलमेट, रक्तदान प्रमाण पत्र व तुलसी का पौधा सम्मान स्वरूप भेट किया गया व सभी रक्तदाताओं को अल्पहार व ज्यूस पिलाया गया।
संगठन के अध्यक्ष राजा सोनी ने बताया कि प्रतिवर्ष युवा संगठन द्वारा रक्तदान शिविर आराध्य झूलेलाल के जन्म दिवस चेटीचंड व नवसंवत्सर के अवसर पर आयोजित किया जाता है, समाज बंधु इसमें बढ़-चढ़कर भाग लेते है।
संगठन के संस्थापक कुमार लालवानी ने कहां कि देश-दुनिया के वैज्ञानिकों ने कहां कि बड़ीे से बड़ी बिमारियों की दवाईयां बना ली है, परन्तु रक्त का कोई विकल्प नहीं निकल पाया है, मानव का रक्त केवल मानव के काम आता है, इसलिए इसे महादान की श्रेणी में कहां जाता है।
संगठन के संरक्षक कंवल प्रकाश किशनानी ने सभी रक्तदाताओं को संबोधित करते हुए कहां कि एक व्यक्ति के शरीर में 5 लीटर रक्त होता है 300 एमएल रक्तदान देने से आदमी की दिनचर्या में कोई फर्क नहीं पड़ता है। यदि व्यक्ति स्वस्थ है तो सभी समाजों को अपने आराध्य देव व पूर्वजों की याद में रक्तदान करना चाहिए। क्योंकि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है।
इस रक्तदान शिविर में जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय की पूरी युनिट के साथ संगठन के सचिव गौरव मिरवानी, भरत आलवानी, कबीर केवलानी, हरीश टिलवानी, हरीश बच्चानी, आनन्द पारवानी, निखिल फूलवानी सहित कार्यक्रर्ता उपस्थित रहे।
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