सामूहिक विवाह सम्मेलन में 11 जोड़े बांधेगें परिणयसूत्र में
द्वितीय श्री झूलेलाल सामूहिक कन्यादान 30 दिसम्बर को
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। सामाजिक और आर्थिक दिखावे के फेरे में शादियो में की जा रही फिजूल खर्चो ने आधुनिक समय मे मध्यम परिवारो मे बच्चो की शादी करना बड़ी चुनौती एवं चिंता का विषय बनता जा रहा है। ऐसे दिखावों के चक्कर में फंसे माता-पिता और परिवार वर्षो तक अपनी सामान्य स्थिति में लौट नहीं पाते है। यही कारण है कि अधिकांष बच्चों की शादियां समय पर हो नहीं पाती है।
सामूहिक विवाह सम्मेलनों के माध्यम से अनेक समाज सामाजिक बदलाव का माध्यम बन रहे है। ऐसे ही बदलाव के भागीरथी प्रयास अजमेर के सिंधी समाज द्वारा किए जा रहे है। लगातार दूसरे वर्ष स्वामी हिरदाराम साहिब की आशीर्वाद से सांई बाबा मंदिर अजमेर, ताराचंद हंुदलदास खानचंदानी सेवा संस्था श्री अमरापुर सेवा घर, सिंधी समाज महासमिति, सिंधी लेडीज क्लब व मास्टर वासुदेव मंघानी सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में अप्रवासी भारतीय सुरेश के. लाल, महेश तेजवानी, रामचन्द्र गुलाबानी व अप्रवासी अमोलक खानचंदानी यू.एस.ए. व भामाशाहों के सहयोग से 11 कन्याओं के बाबुल के रूप में कन्यादान की जिम्मेदारी अपने कंधो पर उठाने की ठानी है।
अजमेर के अजयनगर स्थित श्री सांईबाबा मंदिर का परिसर 30 दिसम्बर 2025 को सामूहिक विवाह सम्मेलन की मेजबानी करेगा। राजस्थान के अजमेर, नसीराबाद, जयपुर, किषनगढ़, भीलवाड़ा, जोधपुर, बालोतरा, बांसवाड़ा सहित गुजरात के अहमदाबाद से इस सम्मेलन के माध्यम से 11 वर-वधु विवाह का गढ़जोड़ करेंगे। धार्मिक परिसर मे 30 दिसम्बर को प्रातः काल की बेला से मांगलिक कार्य प्रारम्भ होगें। बारात की निकासी से लेकर वर-वधु की विदाई तक के सभी कार्यक्रमों में देवी देवताओं की मांगलिक उपस्थिति तथा समाज का अपार जनसमूह इस आयोजन के साक्षी बनेगे।
‘‘बाबूल’’ की भूमिका में अध्यक्ष कंवल प्रकाष किषनानी, महासचिव हरी चंदानी, चंद वासुदेव मंघानी, शंकर बदलानी, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, दिषा प्रकाष किषनानी, गिरधारी तेजवानी, दीपक साघवानी, कुसुम आर्य, प्रेम केवलरमानी व सहयोगी संस्थाओ ने शादी के हर खर्च की जिम्मेदारी उठाई है। विवाह की रीति रिवाज, ठहरने, खान-पान, ढ़ोल-नगाड़ो, प्रकाष व्यवस्था से लेकर अन्य सभी आवष्यक कार्यो के लिए अलग-अलग समितिया बनाई है।
अध्यक्ष कंवल प्रकाश किषनानी एंव महासचिव हरी चंदानी एंव संगठनो के अथक प्रयासों से इस सामूहिक विवाह सम्मेलन कन्यादान का यह दूसरा संस्करण है। इस सम्मेलन के माध्यम से प्रत्येक कन्या को आयोजन समिति की ओर से गृहस्थी योग्य 101 उपहार प्रदान करना न सिर्फ सामाजिक समरसता को बढ़ावा देगा अपितु उन असंख्य माता-पिता को फिजूल खर्चो से उपर उठकर नए समाज के निर्माण की प्रेरणा देगा।
कन्यादान की इस सोच का अभिनंदन शायद इस तरह की सोच हमारे समाजों में नई जागृति पैदा करें, इसी मंगल कामना के साथ लेखक की कलम के माध्यम से उन सभी नायको को नमन जिन्होने समाज में परिवर्तन का शंख बजाया है।

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