आयुर्वेदिक क्षारसूत्र शल्य चिकित्सा शिविर का हुआ समापन
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। आयुर्वेद विभाग, परियोजना निदेशक राष्ट्रीय आयुष मिशन, एवं भारत विकास परिषद् के संयुक्त तत्वाधान में विगत 10 दिनों से किशनगढ़ शहर में खांडल छात्रावास अनाज मंडी जयपुर रोड पर आयोजित किये जा रहे क्षारसूत्र शल्य चिकित्सा शिविर का रविवार को समापन हो गया है।
आयुर्वेद विभाग के उपनिदेशक डॉ. हनुमान मीना बताया की किशनगढ़ शहर में विगत 10 दिनों से आयुर्वेदिक शिविर का संचालन किया जा रहा था। इस शिविर का रविवार को समापन कार्यक्रम रखा गया। इसकी अध्यक्षता परियोजना निदेशक राष्ट्रीय आयुष मिशन डॉ. दिनेश कुमार शर्मा ने की तथा भारत विकास परिषद् से श्री प्रहलाद जी, श्री भगवानस्वरूप बाहेती विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
इस चिकित्सा शिविर में किशनगढ़ शहर एवं समीपस्थ ग्रामीण क्षेत्रों से बहुत अधिक संख्या में रोगी स्वास्थ्य लाभ के लिए आये। शिविर में पाइल्स, मस्से आदि बीमारियों के लगभग 170 पंजीयन एवं राज्यस्तरीय सर्जन डॉ. आशीष सोनी और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मी सैनी द्वारा सफल ऑपरेशन किए गए। शिविर में प्रतिदिवस सभी मरीजों की ड्रेसिंग एवं देखभाल की गयी। सभी मरीजों एवं उनके परिजनों को शिविर में 10 दिवस तक रहने एवं खाने की निःशुल्क व्यवस्था की गई। मरीजों को डिस्चार्ज करते समय 7 दिवस की अतिरिक्त दवाईयां दी गई।
क्षारसूत्र के अतिरिक्त इस चिकित्सा शिविर में अर्श, भगंदर के अतिरिक्त अन्य आयुर्वेदिक चिकित्स पद्धतियों से रोगियों का उपचार किया गया जैसे अग्निकर्म चिकित्सा द्वारा विभिन्न वात रोगों घुटनों का दर्द, कमर दर्द, सायटिका, फ्रोजन शोल्डर पैरों की कीले, त्वचा पर होने वाले मस्से आदि की चिकित्सा उपलब्ध करवायी गयी। पंचकर्म पद्धति द्वारा वातरोगों से ग्रसित, सायटिका, कमरदर्द, पुराना जोड़ों का दर्द आदि का उपचार किया गया एवं जिला स्तरीय विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा बहिरंग मरीजों का उपचार किया गया। शिविर में लगभग 5300 पंजीयन किये गए। इसमें से 3500 रोगियों की निशुल्क औषधिया दी गयी। पंचकर्म विधा से डॉ. शालिनी झंवर ने 372 रोगी, अग्निकर्म से डॉ. दिनेश मीना ने लगभग 700 रोगी, मर्म चिकित्सा से डॉ. अंजू कटारे ने 930 रोगियों का सफल उपचार किया। आम जनता एवं मरीजों ने समापन कार्यक्रम में उच्चाधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों से हर साल इस तरह की शिविर आयोजित किये जाने हेतु निवेदन किया। शिविर में डॉ. जगदीश सिंह राजावत जी सह प्रभारी डॉ. हेमराज सेन, डॉ. गोविन्द नारायण, डॉ. रवि वर्मा, आदित्य शर्मा, गिरिराज शर्मा, तनुज सैनी, दीपचंद, गोरधन, माना देवी एवं भारत विकास परिषद् के सदस्यों द्वारा सेवाएं प्रदान की गई।

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