सैलानी देख सकेंगे सम्राट पृथ्वीराज चौहान का अस्तबल, सैनिक छावनी और हरी-भरी घाटी
काजीपुरा गांव की सीमा पर बनेगा एन्ट्री प्लाजा, पहले चरण में खर्च होंगे 5.5 करोड़ रूपए
24 किलोमीटर क्षेत्र में बढ़ेगा इको टूरिजम
अजमेर (अजमेर मुस्कान)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर आज शहर को लैपर्ड सफारी की सौगात मिली है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बुधवार को काजीपुरा गांव में लैपर्ड सफारी के लिए तैयार किए जाने वाले विभिन्न निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया। इन कार्यक्रमों पर 5.5 करोड़ रूपए की राशि खर्च होगी।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि लगातार विकास के सौपान में कर रहे अजमेर शहर को एक और बड़ी सौगात मिलने वाली है। शहर के काजीपुरा, खरेखड़ी, अजयसर और आस-पास के गांव में फैली गंगा-भैरव घाटी में लेपर्ड सफारी विकसित की जाएगी। झालना, रणथम्भौर, सरिस्का, रावली-टॉडगढ़ और जवांई बांध की तर्ज पर गंगा-भैरव घाटी को भी लेपर्ड सफारी और घाटी के मनोरम दृश्य देखने के लिए सैलानियों के लिए खोला जाएगा। सैलानी यहां घाटी में ट्रेकिंग के साथ ही सम्राट पृथ्वीराज चौहान के समय के अस्तबल, उनके राज्य के समृतियां, सैनिक छावनी स्थल और अन्य स्थानों पर घूम सकेंगे। ट्रेक पर सैलानियों के विश्राम की भी व्यवस्था होगी। आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में सैलानी यहां तेंदुओं को देखने आ सकते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यहां गंगा-भैरव घाटी में बनने जा रहे लेपर्ड सफारी में ट्रैक और रूट बनेगा। यहां टिकट खिड़की, रेस्ट प्वाइंट्स, सेल्फी प्वाइंट्स तथा पर्यटकों की सुविधा के लिए व्यवस्थाएं विकसित की जाएगी। स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भैरव घाटी में लेपर्ड सफारी बनने से अजमेर को एक नई पहचान पर्यावरणीय पर्यटन स्थल के रूप में मिलेगी। अब पर्यटन के क्षेत्र में इसे और समृद्ध करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एवं वन मंत्री से इस परियोजना को लेकर विस्तार से चर्चा की गई है। अजमेर के लिए लगभग 40 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। इनमें से अधिकांश को वित्तीय स्वीेकृति प्राप्त हो चुकी है।
देवनानी ने कहा कि लेपर्ड सफारी परियोजना पर लगभग 20 करोड़ रुपए का व्यय प्रस्तावित है। इसमें शुरुआती चरण में लगभग 5.5 करोड़ रुपए से कार्य प्रारंभ किया गया है। पर्यटकों के सुगम आवागमन के लिए कई किलोमीटर के नए ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। चामुंडा माता व भैरव मंदिर के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को भी इस ट्रैक से सुविधा होगी। मार्ग में रेस्ट प्वाइंट्स, अल्पाहार केंद्र तथा सेल्फी प्वाइंट्स जैसी सुविधाएं भी विकसित की जाएगी। इस परियोजना से स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार और आय के नए अवसर उपलब्ध होंगे।
उन्होंने कहा कि अजमेर में फिलहाल कोई बड़ा पर्यावरणीय पर्यटक स्थल उपलब्ध नहीं है ऎसे में यह लेपर्ड सफारी परियोजना स्थानीय नागरिकों एवं पुष्कर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को भी एक नया अनुभव प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि अजमेर के निवासियों एवं पर्यटकों को अन्य रमणीय स्थल भी जल्द उपलब्ध होंगे। बच्चों में विज्ञान की जिज्ञासा को बढ़ावा देने के लिए साइंस पार्क का निर्माण, वरुणसागर का सौंदयकरण, अजमेर एंट्रेंस प्लाजा सहित अन्य कार्य भी करोड़ों रुपए की लागत से कराए जाएंगे। इससे शहर का पर्यटन के क्षेत्र में कायापलट होगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में स्पोट्र्स कॉलेज व सैनिक स्कूल भी खोले जा रहे हैं।
इस अवसर पर रमेश शर्मा, दीपक शर्मा, महेन्द्र सिंह, गुलाब सिंह, लाल सिंह सहित वन विभाग के अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
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